शुभम सोती फाउंडेशन के 13 वें स्थापना दिवस को सड़क सुरक्षा के प्रति समर्पित किया गया
लखनऊ : शुभम सोती फाउंडेशन 2010 से प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई को अपनी संस्था के स्थापना दिवस के उपलक्ष में सड़क सुरक्षा से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम करता चला आ रहा है।
15 जुलाई 2010 को मेरे पुत्र शुभम सोती की एक आकस्मिक एवं दुर्भाग्यपूर्ण सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इस असहनीय दर्द एवं पीड़ा से अपने को थोड़ा सा उभारने के बाद शुभम सोती फाऊंडेशन का गठन किया और यह निश्चय किया कि मैं अपनी शेष जिंदगी में इस फाउन्डेशन के माध्यम से सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में कुछ ऐसा कार्य करूंगा कि जो मेरे साथ घटित हुआ है वह किसी हद तक औरों के साथ ना हो।
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इसी सोच के साथ सन 2010 से निरंतर सड़क सुरक्षा जागरूकता एवं इस क्षेत्र में व्यवहार परिवर्तन को लक्ष्य बनाते हुए नियमित रूप से प्रतिवर्ष प्रतिमाह कुछ ना कुछ सामाजिक कार्य सम्पादित होता चला आ रहा है।
इसी कड़ी में इस वर्ष भी 15 जुलाई एवं 16 जुलाई को संस्था के 13 वें स्थापना दिवस को सड़क सुरक्षा के प्रति समर्पित किया गया।
इस वर्ष भी पूर्व की भांति 15 जुलाई से एक सप्ताह के लिए हमने यह निश्चय किया है की शुभम सोती फाऊंडेशन साइकिलों, इ-रिक्शाओं, ट्रॉली, ऑटो रिक्शा एवं ऐसे वाहनों पर जिसमें अधिकांशतः पीछे की लाइट या तो टूटी होती है या होती ही नहीं है, उन पर उन पर रेट्रो रिफ्लेक्टर की पट्टियां लगाएंगे जिससे रात्रि में भी पीछे से रेडियम की इन पट्टियों की चमक दिखाई देगी और सड़क पर ऐसे वाहन अपनी उपस्थिति दर्ज कर पायेंगे व दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
इसी क्रम में कल और इस कार्यक्रम जिसमें हम रेट्रो रिफ्लेक्टर रेडियम की पट्टियां ऐसे वाहनों पर अयोध्या मार्ग पर चिनहट मोड़ पर, हैनीमैन चौराहा गोमती नगर पर लगाना प्रारंभ किया और अगले एक सप्ताह तक प्रत्येक दिन विभिन्न स्थानों पर यह कार्य संपादित किया जाएगा। कल और आज के इस आयोजन में श्र्मद्र प्रताप सिंह, टी एस आई, बीरी सिंह, टी एस आई, सौरभ उपाध्याय, हेड कांस्टेबल एवं शुभम सोती फाउंडेशन के वरिष्ठ पदाधिकारी अनवारूल अब्बासी, अर्पित सिंघल, डॉ गोपाल गर्ग, विशाल त्यागी, डॉ अमन विज, विशाल श्रीवास्तव, विशाल पांडे, तान्या सोनी एवं सहायक बादल रावत उपस्थित थे।
शुभम सोती फाउंडेशन का यह उद्देश्य है कि कल 15 जुलाई से प्रारंभ करके आगामी एक सप्ताह तक कम से कम 10 हजार ऐसे वाहनों में जिनमें बैकलाइट नहीं हैं, लखनऊ शहर के विभिन्न क्षेत्रों में रेट्रो रिफ्लेक्टर रेडियम की पट्टियां लगाई जायेंगी।