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पुरानी पेंशन बहाली हेतु प्रधानमंत्री जी को ज्ञापन प्रेषित कर आन्दोलन का आगाज

लखनऊ । पुरानी पेंशन योजना की बहाली के चलाये जा रहे आन्दोलन के क्रम में  प्रदेश के समस्त जनपद मुख्यालयों सहित राजधानी लखनऊ में प्रधानमंत्री ,  वित्तमंत्री भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपेने के लिए कर्मचारी प्रेरणा स्थल पर बड़ी संख्या में कर्मचारी एंव शिक्षक एकत्र हुए।

अवगत कराना है कि पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच केन्द्रीय कर्मचारियों (रेलवे, सिविल डिफेंस, पोस्टल, इनकम टैक्स आदि), राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों के संयुक्त मंच द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों को 01 जनवरी, 2004 से व उ.प्र. के कर्मचारियों व शिक्षकों को 01 अप्रैल, 2005 से लागू नई्र अंशदायी पेंशन योजना को समाप्त कर पूर्वपरिभाषित सुनिश्चित लाभ वाली पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की मॉग की जा रही है।

समेकित मंच के आवहन पर देश/प्रदेश भर के राजकीय कर्मचारी/शिक्षक विगत एक वर्ष से लगातार चरणबद्ध आन्दोलन पर थे। अखिल भारतीय स्तर पर केन्द्र व राज्य कर्मचारियों/शिक्षकों द्वारा चलाये जाने वाले आन्दोलन की श्रंखला में 07 जनवरी, 2023 को पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच का गठन किया गया तथा दिनांक 21 जनवरी, 2023 को प्यारे लाल भवन सभागार, नई दिल्ली में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर सर्वसम्मति से वृहद आन्दोलन चलाये जाने का निर्णय लिया गया।

10 फरवरी 2023 से 20 फरवरी, 2023 तक राष्ट्रपति को पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली हेतु करोड़ों की संख्या में ऑनलाइन पिटीशन कर्मचारियों द्वारा भेजी गई।  21 फरवरी, 2023 को केन्द्र व राज्य सरकार के सभी कार्यालयों पर रैली निकाली गई।  21 मार्च, 2023 को समस्त जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरना/प्रदर्शन कर ज्ञापन प्रेषित किये गये तथा 22 मार्च 2023 से 21 अप्रैल, 2023 तक कार्यालयों पर गेट मीटिंग कर कर्मचारियों में जनजागरण किया गया।  21 मई, 2023 को सभी जनपदों में कर्मचारियों व उनके परिवारजनों द्वारा जनपद मुख्यालयों पर विशाल मशाल जुलूस का आयोजन कर पुरानी पेंशन बहाली के लिए आवाज बुलंद की गई। संयुक्त मंच की केन्द्रीय कार्यकारिणी के निर्णयानुसार 27 जून, 2023 को प्रदेश मुख्यालय पर प्रदेश व्यापी रैली किये जाने का निर्णय लिया गया।

रैली की सफलता हेतु राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उ.प्र. एवं मंच के घटक संगठनों द्वारा प्रदेश के समस्त जनपदों में ‘‘पेंशन रथ‘‘ चला कर जनजागरण किया गया। प्रथम चरण में ‘‘पेंशन रथ‘‘  16 मई, को कानपुर नगर से प्रारम्भ होकर बुन्देल खण्ड व पूर्वी उ.प्र. से गुजरते हुये दिनांक 14 जून, 2023 को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सम्पन्न हुई।  27 जून 2023 को चारबाग रेलवे स्टेडियम, लखनऊ में प्रदेश स्तरीय हुँकार रैली का आयोजन किया गया, जिसमें लाखों की संख्या में केन्द्रीय कर्मचारियों, राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों ने प्रतिभाग किया जिसे मीडिया द्वारा भी ऐतिहासिक बताया गया।  18 जुलाई 2023 को संयुक्त मंच (छश्रब्।) के केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा नई दिल्ली में पुनः बैठक कर 10 अगस्त, 2023 को अखिल भारतीय स्तर पर विशाल महारैली किये
जाने का निर्णय लिया गया, जिसके क्रम में द्वितीय चरण की ‘‘पेंशन रथ यात्रा‘‘ 20 जुलाई 2023 को कन्नौज से प्रारम्भ कर पश्चिम उ.प्र. के समस्त जनपदों से होते हुये दिनांक 05 अगस्त 2023 को लखनऊ में पहुंची। पेंशन रथ यात्रा को पूरे प्रदेश में अभूतपूर्व जन समर्थन प्राप्त हुआ तत्पश्चात्  10 अगस्त 2023 को दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल ‘‘पेंशन अधिकार महारैली‘‘ आयोजित की गई जिसमें कर्मचारी व शिक्षकों ने लाखों की संख्या में एकत्रित होकर पुरानी पेंशन बहाली की मॉंग की।  08 जनवरी, 2024 से 11 जनवरी, 2024 तक पूरे देश में ‘‘क्रमिक भूख हड़ताल‘‘ कर पुरानी पेंशन बहाली की मॉग बुलन्द की।

इस कार्यक्रम को भी अपार जनसमर्थन प्राप्त हुआ और कार्यक्रम पूर्ण रुप से सफल रहा। पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच के आन्दोलन के दबाव में भारत सरकार द्वारा  06 अप्रैल 2023 को नई पेंशन व्यवस्था के पुनरीक्षण हेतु कमेटी गठित की गई जिसमें स्टाफ साइड से संयुक्त मंच  के राष्ट्रीय संयोजक  शिव गोपाल मिश्रा को सम्मिलित किया गया, कई बैठकों के पश्चात् भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया देश व प्रदेश में कर्मचारियों के मध्य  21 व 22 नवम्बर 2023 को हड़ताल पर जाने हेतु जनमत संग्रह कराया गया, जिसमें शत प्रतिशत कर्मचारियों/ शिक्षकों ने हड़ताल पर जाने हेतु अपनी सहमति प्रदान की गयी फलस्वरुप की केन्द्रीय कार्यकारिणी की सम्पन्न बैठक  28 फरवरी 2024 में आन्दोलन के अन्तिम विकल्प हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया, सर्व सहमति से इसके लिए अर्न्तराष्ट्रीय श्रम दिवस (01 मई, 2024) के दिन को चुना गया था। केन्द्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा लोक सभा सामान्य निर्वाचन के लिए 16 मार्च, 2024 को सम्पूर्ण देश में आदर्श आचार संहिता लागू किये जाने के कारण कार्मिकों के निर्वाचन में संलिप्त होने के दृष्टिगत केन्द्रीय स्तर पर सम्यक विचारोंपरान्त प्रस्तावित आन्दोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। देश एवं प्रदेश के कर्मचारी, शिक्षकों द्वारा लोक सभा सामान्य निर्वाचन के उपरान्त विचारोपरान्त पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली हेतु स्थगित किये गये आन्दोलनात्मक कार्यक्रमों को पुनः चलाये जाने की घोषणा कर दी गई है।

केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में  16 जुलाई 2024 को राजधानी लखनऊ में कर्मचारी प्रेरणा स्थल स्व. बाबू बी.एन. सिंह प्रतिमा स्थल पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रान्तीय अध्यक्ष इं. हरि किशोर तिवारी, का. अध्यक्ष इं. एन.डी. द्विवेदी, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, प्रान्तीय महामंत्री शिवबरन सिंह यादव, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, इं. ए.के. मिश्र, इं. दिवाकर राय, विवेक कुमार, इं. एच.एन. मिश्रा, इं. राजर्षि त्रिपाठी, इं. प्रकाश चन्द्र, इं. श्रवण कुमार, इं.डी.बी. सिंह, धर्मेन्द सिंह, फहीम अख्तर, अविनाश चन्द्र श्रीवास्वत,  अरूण कुमार सिंह,  आलोक सिंह,  जितेन्द्र,  अमरजीत मिश्रा,  प्रमोद मिश्रा, सहित अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति में  प्रधानमंत्री एवं  वित्तमंत्री भारत सरकार तथा  मुख्यमंत्री  उ.प्र. सरकार को कर्मचारियों/शिक्षकों के लिए बुढापे का सहारा देने वाली पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली हेतु ज्ञापन एल.सी.पी. हजरतगंज अरविन्द कुमार वर्मा के माध्यम से इस अनुरोध के साथ प्रेषित किया गया कि सरकार प्रकरण पर गम्भीरता पूर्वक विचार करते हुए  01.जनवरी .2004 से केन्द्रीय एवं 01.अप्रैल 2005 से उ0प्र0 के राजकीय कर्मचारियों/शिक्षकों को नई पेंशन व्यवस्था के स्थान पर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की घोषणा करने का कष्ट करें जिससे आजीवन समाज को सब कुछ न्योछावर करने वाला कर्मचारी/शिक्षक समाज बुढ़ापे के समय किसी पर बोझ न बन सके। सरकार यदि प्रकरण को गम्भीरता से नही लेती है तो इस आन्दोलन को और भी बृहद रुप दिया जायेगा। लखनऊ में कार्यक्रम की अध्यक्षता जनपद अध्यक्ष अमिता त्रिपाठी एवं संचालन महामंत्री सुभाष चन्द्र तिवारी के द्वारा किया गया।

 

 

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