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उत्तर प्रदेश सरकार के बजट से प्रदेश स्तर के कर्मचारियों को बेहद निराशा: हरि किशोर

लखनऊ : राज्य सरकार के वित्त मंत्री द्वारा विधानसभा में राज्य का वित्ती लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया जिसे देखने से उत्तर प्रदेश स्तर के कर्मचारियों को बेहद निराशा ही हाथ लगी परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी ने कहा कि वर्ष 2023 2024 के बजट में उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस योजना के लाभार्थियों के लिए किसी प्रकार की घोषणा न किया जाना और आयुष्मान कार्ड धारक के फंड को न बढ़ाएं जाने पर भी गहरी निराशा हाथ लगी वित मंत्री  द्वारा आयुष्मान कार्ड धारको की संख्या दोकरोड़ 34, लाख बतायी गई है जबकि उत्तर प्रदेश की जनसंख्या लगभग 24, करोड़ से ऊपर है इस प्रकार दस प्रतिशत लोंगों को भी सरकार ने चिकित्सा की तरफ ध्यान न देकर उन्हे भगवान भरोसे छोड़ दिया है

असाध्य रोगों की चिकित्सा जैसे घुटना प्रत्यारोप है लीवर प्रत्यारोपण कूल्हा प्रत्यारोपन पेट व मस्तिष्क एवं और हार्ट की बीमारियों के मात्र 4 सौ करोड़ की व्यवस्था की गई असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी समाज के लिए मात्र एक सौ करोड़ की व्यवस्था है जो वर्षभर उनके परिवार के जीवन यापन के लिए होगा वित्त मंत्री द्वारा कहा गया है कि बाल श्रम में लगे कुल बच्चों में से मात्र 2 हज़ार को ही सरकार की योजना का लाभ दिया जाएगा
मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना में लगभग 12 रुपया आवंटित किया जाना प्रस्तावित है मानव दिवसों के सृजन में जहाँ वर्तमान वित् वर्ष में 26लाख 29, हज़ार मानव दिवस सृजित किए गए वहीं अगले वित् वर्ष में कितने मानव दिवसों का सृजन किया जाना है परिषद के महामंत्री शिव बरन सिंह यादव ने कहा कि  वित् मंत्री द्वारा समेकित रूप से घोषणा न करके विभागवार अलग अलग आंकड़ेबाजी दिखाई गई है जिसे न तो कर्महारा समाज और न ही श्रमिक का परिवार का जीवन यापन और चिकित्सा सुविधा जैसी आवश्यक सुविधाएँ मिलना मुश्किल हो जाएगाl

 

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