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प्रशंसित पुस्तक ” टेक्सटाइल मैनेजमेंट : अ गाइड फाॅर टेक्नीशियन्स ” की प्रति राज्यपाल को भेंट

  1. प्रशंसित पुस्तक ” टेक्सटाइल मैनेजमेंट : अ गाइड फाॅर टेक्नीशियन्स ” की प्रति राज्यपाल को भेंट

    लखनऊ : देश ही नहीं अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेक्सटाइल उद्योग के उत्पादन , प्रबंधन, आधुनिकीकरण तथा तकनीकी मार्गदर्शन के विशिष्ट विशेषज्ञ में शुमार उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के मूल निवासी अरविंद कुमार उपाध्याय ने आज सूबे की राजधानी लखनऊ के अपने प्रवास के दौरान उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल से राजभवन जाकर मुलाकात कर अपने द्वारा लिखित चर्चित और प्रशंसित पुस्तक ” टेक्सटाइल मैनेजमेंट : अ गाइड फाॅर टेक्नीशियन्स ” की प्रति भेंट की। ये किताब न केवल टेक्नोलॉजिस्ट, इंजीनियर्स बल्कि इंडस्ट्रीज में कार्यरत जूनियर से सीनियर मैनेजमेंट के प्रोफेशनल के लिए भी उपयोगी साबित हो सकती है।
    उल्लेखनीय है कि अरविंद उपाध्याय ने प्रदेश के कानपुर स्थित राजकीय केन्द्रीय वस्त्र संस्थान से चार दशक पूर्व टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी विषय से बी टेक्स्ट और एम टेक्स्ट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात कानपुर से तकनीकी पर्यवेक्षक पद से कैरियर शुरू कर अपनी विषय विशेषज्ञता के बूते अफ्रीकी देशों खासकर नाईजीरियाई और केन्या आदि की कपड़ा मिल्स के डायरेक्टर रहते हुवे वैश्विक मंच पर पहचान सुस्थापित की। स्विट्जरलैंड से विशेष तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त करने के साथ ही भारत लौटकर बिरला ग्रूप की प्रतिष्ठित मिल दिग्जाम वूलन्स मिल्स (जामनगर), रीड एण्ड टेलर्स ( मैसूर), ओ सी एम (अमृतसर), एस कुमार्स नेशवाइड (देवास)जैसी नामी गिरामी टेक्सटाइल मिल्स के प्रेसिडेंट एवम सीओओ जैसे उच्चतम पद पर कार्यरत रहकर मौलिक कार्यशैली से कामयाबी हासिल की। साथ ही रेमंड मिल्स (थाणे), ब्रिटिश इंडिया कार्पोरेशन की मिल लाल इमली,मयूर सूटिंग्स( भीलवाड़ा) जैसी अनेक सुप्रतिष्ठित टेक्सटाइल मिल्स में विभिन्न पदों पर आसीन रहकर अपनी विशेषज्ञता का लोहा मनवा कर देश में ही नहीं अपितु वैश्विक स्तर पर पहचान कायम की है।
    अरविंद उपाध्याय का कहना है कि चार दशक से अधिक सेवारत रहने के बाद अब सक्रिय नियुक्ति से विश्राम लेकर वह चाहते हैं कि अपने मूल राज्य उत्तर प्रदेश में टेक्सटाइल उद्योग और हैंडलूम सेक्टर तथा यार्न उत्पादन से जुड़ी अपार संभावनाओं के परिप्रेक्ष्य में अपनी विशेषज्ञता व व्यापक अनुभव का फायदा दे सकें तो प्रसन्नता होगी। यदि राज्य सरकार के संबंधित विभाग सहयोग लेने के इच्छुक हों तो वे सहर्ष तैयार हैं।  उपाध्याय ने महामहिम राज्यपाल के प्रति समय देने के लिए कृतज्ञता व्यक्त की। अरविंद उपाध्याय के साथ उनकी पत्नी श्रीमती सुषमा उपाध्याय (एडवोकेट व समाज सेवी ) भी मौजूद थीं। उल्लेखनीय है कि सुषमा उपाध्याय के पिता उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के चेयरमैन,वाराणसी स्नातक सीट से दो बार एम एल सी तथा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रहने के साथ ही भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष व हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग के सभापति रहे। श्रीमती सुषमा,स्वर्गीय पंडित ज्ञानचन्द्र द्विवेदी की सुपुत्री हैं।

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