संगीत में ढली कविताओ की कार्यशाला प्रारंभ
लखनऊ । ज्योति कलश संस्कृति संस्थान के तत्वावधान में हिंदी के लब्धप्रतिष्ठ साहित्यकारों, कवियों एवं कवयित्रियों की सुप्रसिद्ध रचनाओं पर आधारित कार्यशाला का आयोजन रविवार 8 सितंबर 24 से 17 सितंबर 2024 तक किया जाएगा। जिसका औपचारिक उद्घाटन आज संगीत नाटक अकादमी के अभ्यास कक्ष में प्रारम्भ हो गया।कार्यशाला के निर्देशक प्रसिद्ध संगीतकार एवं यश भारती से सम्मानित श्री केवल कुमार श्रीवास्तव जी एवं डॉक्टर अमिताभ श्रीवास्तव है जिनके निर्देशन में लगभग तीस महिलाओ और पुरुष वर्ग। बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं।
कार्यशाला प्रारंभ में कवि सोहनलाल वर्मा की सरस्वती वंदना , वंदना के इन स्वरों में एक स्वर मेरा भी मिला दो ,से कार्यशाला का आगाज हुआ।
दूसरी रचना में महादेवी वर्मा के कालजई रचना मैं नीर भरी दुःख की बदरी का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। दिनांक 17 सितम्बर तक की कक्षाओ में विभिन्न कवियों की रचनाओं को कार्यशाला में सिखाया जाएगा।