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फूलन देवी नारी शक्ति की प्रतीक और सामाजिक न्याय योद्धा थीं : देवेंद्र निषाद

फूलन देवी की शहादत दिवस पर कांग्रेस मुख्यालय पर हुई गोष्ठी

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लखनऊ : फूलन देवी की 23 वीं शहादत दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यवक्ता उत्तर प्रदेश फिशरमैन कांग्रेस के चेयरमैन देवेंद्र निषाद ने फूलन देवी के साथ बिताए गए अपने राजनैतिक समय के बारे में बताया की कैसे फूलन देवी सम्पूर्ण देश के वंचित तबकों के प्रति संवेदनशील रहती थी और पूरे देश में अगर कहीं भी किसी भी समाज की महिलाओं के प्रति कोई भी हिंसा होती थी तो वो उसे मुखरता से संसद में उठाती थीं.

माइनॉरिटी कांग्रेस के नेशनल कोऑर्डिनेटर शमीम खान ने बताया की वीरांगना फूलन देवी ने शोषण, अत्याचार के विरुद्ध अपने हक अधिकार के लिए आवाज़ उठाई, संघर्ष किया, सांसद बनी और अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कर गई। उनसे आज भी सामंती और महिला विरोधी शक्तियां डरती हैं.

पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश चेयरमैन मनोज यादव ने अपने वक्तव्य में बताया की जिस समाज का जितना ज्यादा शोषण हुआ है वो समाज उतनी ही मुखरता से प्रतिरोध करता है। उन्होंने बताया की प्रतिरोध की प्रतिमूर्ति फूलन देवी जी के बारे में आज बीबीसी से लेकर टाइम्स मैगजीन तक लिखा गया है और दर्जनों डॉक्यूमेंट्री भी बनी है। ये सब दर्शाता है की जिस किसी ने भी अन्याय का प्रतिरोध किया है इतिहास ने उसे अपने पन्नो में जगह दी है। प्रो. आरबी बौद्ध ने बताया की संसद बनने के बाद फूलन देवी बाबा साहब की अनुयाई बन गई थी, और नागपुर में बौद्ध भिक्षुओं से बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी। उन्होंने सारनाथ, बोधगया, कुशीनगर, लुंबिनी की यात्राएं करके बौद्ध तीर्थों के दर्शन किए थे। एक वाक्ए का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया की जब वह तिरुपति बालाजी दर्शन को गई तो एक पत्रकार ने पूछा कि बौद्ध होते हुए आप तिरुपति दर्शन करने क्यों आई? इस पर सांसद फूलन देवी ने कहा- तिरुपति बालाजी प्राचीन काल का बुद्ध विहार है जिसे हिंदुओं ने हथिया लिया था। प्रो. नरेंद्र सिंह जाटव ने बताया की वर्तमान सरकार समता की जगह समरसता पर जोर दे रही है जिससे वंचित तबकों को उनके मुद्दों से भटकाया जा सके।

पिछड़ा वर्ग कल्याण एसोसिएशन के आजाद जी ने कहा कि फूलन देवी जी ने 1994 में बौद्ध धर्म ग्रहण किया क्योंकि बौद्ध धर्म ही समानता और बंधुत्त्व पर आधारित है। एससी एसटी कांग्रेस के प्रदेश सचिव मुरली मनोहर ने कहा की फूलन देवी प्रतिरोध की प्रतिमूर्ति हैं. उनसे प्रेरित होकर हमे समाज में हो रहे हर अत्याचार पर प्रतिरोध दर्ज कराना चाहिए। डॉ रॉबिन वर्मा ने बताया की कैसे समाज के कुछ सामंतियों ने एक महिला के महिला होने के अहसास को ही मार दिया था तभी उस दौर में फूलन को चंबल की धरती को लाल करने के लिए मजबूर होना पड़ा। फूलनदेवी को उत्तर प्रदेश की तत्कालीन सरकार पर विश्वास नहीं था यही कारण था की उन्होंने जिन सामंतियो की हत्या की उन्हीं के समाज के मुख्यमंत्री के सामने समर्पण किया।

उन्होंने बताया की फूलन के समर्पण के पूरे घटनाक्रम को पूर्व प्रधानमंत्री इंद्रा गांधीजी जी के दिशा निर्देशानुसार ही अंजाम दिया गया था। कही न कही ये एक महिला का महिला के प्रति प्रेम और समर्पण ही था जिससे फूलन देवी मध्य प्रदेश में शकुशल अपनी शर्तो पर समर्पण कर पाई। डा. अमित राय ने बताया की फूलन देवी देश ही नहीं पूरे विश्व की शक्तिशाली महिलाओं में से एक थीं और हमारे देश की महिलाओं को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और समाज में हो रहे हर जोर जुल्म के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। कार्यक्रम के अंत में संचालन समिति का धन्यवाद देते हुए उत्तर प्रदेश माइनॉरिटी कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने बताया की आज वंचित समुदाय के ज्ञात-अज्ञात महापुरूषों एवं वीरांगनाओ की जयंती/पुण्यतिथि समय समय पर मनाई जाएगी जिससे इन कार्यक्रमों के माध्यम समाज की नई पीढ़ी को उनके बारे में जानकारी मिल सके। कार्यक्रम का संचालन प्रो. श्रवण गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में प्रदेश महासचिव अरशद खुर्शीद, राकेश पासवान, ई. अनस रहमान, डा अरविंद बहादुर सिंह, जितेंद्र पटेल, शाहनवाज खान, अख्तर मालिक, अनीस अख्तर मोदी, शमीम कुरैशी, राधेश्याम जायसवाल, शब्बीर अहमद, मीनू राजभर, लालू कनौजिया संकल्प नंदन, मूलचंद्र चौहान, सलमान कादिर, काशिफ सिद्दीकी, वीरेंद्र यादव, विकास कुमार, समशेर अली आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।

 

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