पुरानी पेंशन बहाली और राज्य सरकार स्तर पर लम्बित मांगों पर फिर होगा आन्दोलन
पुरानी सेवा जोड़कर ओपीएस लाभ, 2016 की कैसलेस नियमावली का हो क्रियान्वयन
लखनऊ । राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने एक बार फिर पुरानी पेंशन लागू करने के लिए राज्य सरकार से पुरजोर मांग उठाई है। राज्य सरकार स्तर पर लम्बित विभिन्न समस्याओं के सम्बंध परिषद के अध्यक्ष इं. हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि सरकार के लगातार आदेशों की अवहेलना के चलते प्रदेश के लगभग 1.50 लाख कार्मिकों को ओपीएस का लाभ नही मिल पा रहा है। जबकि इसके सरकार ने कई आदेश किए और उनका अनुपालन नही किया गया। इनमें प्रदेश में कार्यरत वर्कचार्ज कार्मिक, ट्यबबेल आपरेटर सहित कई संवर्ग के कार्मिक शामिल है।
परिषद 2016 कैसलेस नियमावली, सफाई कार्मिक सहित अन्य संवर्ग की लम्बित सेवानियमावली,पदोन्नति और विभागीय स्तर पर लम्बित कार्मिकों की समस्याओं के समाधान के लिए अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं विभागाध्यक्ष स्तर पर मुख्य सचिव स्तर पर जारी आदेश के अनुसार प्रतिमाह बैठक न किए जाने की मांग को लेकर मुख्य सचिव से मिलेगा। इसके उपरान्त 15 दिनों के अन्दर राज्य स्तर पर लम्बित समस्याओं के निराकरण न होने पर प्रदेश स्तर पर आन्दोलन घोषित कर दिया जाएगा।
तिवारी ने बताया कि प्रदेश के दर्जनों विभागो में कार्यरत लगभग 1.50 लाख कार्मिकों को आदेश के बावजूद आला अफसरो की लापरवाही से 30 जून 1998 तक नियुक्ति वर्कचार्ज, डेलीवेज,अंशकालीन,समायिक के कार्मिकों को विनियमित नही किया गया। इसी तरह दूसरे आदेश में शासन की यह चेतावनी की इस तरह की भर्ती आगे ना करते हुए 31 दिसम्बर 2001 तक के ऐसे कार्मिकों का विनियमितीकरण करने के आदेश दिये गए। लेकिन फिर भी अधिकारियों ने उन कार्मिकों का विनियमितीकरण नही किया गया।
शासन के सख्त आदेश का अनुपालन न करने के दोषी अफसरों पर तो कोई कार्रवाई नही की गई वरन उनकी लापरवाही से आज भी लगभग 1.50 लाख कार्मिक पुरानी पेंशन के लाभ से वंचित है। ऐसे में सरकार तत्काल उन 1.50 कार्मिकों को पुरानी सेवा जोड़कर ओपीएस का लाभ प्रदान करे। परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह ने बताया कि केन्द्रीय सेवा की भॉति 2005 से पूर्व में की गई सेवाओं को जोड़ते हुए पुरानी पेंशन का लाभ तथ्यों के आधार पर मांगा जा रहा है। क्योकि राजकीय सेवाओं में विकास कार्यो को तत्काल पूर्ण कराये जाने के लिए समय-समय पर दैनिक वेतन वर्कचार्ज, मानदेय, अतिथ वक्ता,अंशकालीन नलकूप चालकों, सीजनल अमीन की भर्ती तो की गई, सरकार द्वारा इनके विनियमितीकरण के आदेश भी दिये गए लेकिन विभागीय स्तर पर फैले मकडजाल और लापरवाही से उनका विनियमिती करण नही किया गया जबकि उनकी सेवा 30 से 40 साल तक ली गई।
ऐसे में राज्य सरकार को पेंशन की समानता के आधार पर केसुअल, अंशकालीन मानदेय आदि सेवाओं में नियमितीकरण से पूर्ण 25-30 साल की सेवा पूरी कर चुके कार्मिकों को पूर्व सेवाओं को जोड़ते हुए तत्काल पुरानी पेंशन लाभ देना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि इस सम्बंध में दर्जनों रिटें न्यायालय में चल रही है। सरकार के एक आदेश पर इन रिटों का भी पटाक्षेप हो जाएगा। इस अवसर पर कार्यवाहक अध्यक्ष इं. एन.डी. द्विवेदी,इं. डी.बी.सिंह, श्रवण कुमार, इं. दिवाकर राय आदि मौजूद थे।