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प्यार के नाम पर अश्लीलता व अभद्रता पर लगे विराम

विनोद बंसल

प्यार ना तो दिखावे की चीज और और ना ही अश्लीलता व नग्नता परोसने की। किंतु, विदेशी मानसिकता, वैश्विक बाजारू शक्तियों व सामंतवादी चर्च अपने किसी एक कथित संत के नाम पर भारत में भी युवाओं को भ्रमित कर उनकी समृद्धशाली पुरातन संस्कृति से काट, अपने स्वार्थ सिद्धि के षड्यंत्र में लगी हैं। हमारे युवा वर्ग को उनसे सावधान रहना होगा।

साथ ही, जो लोग सार्वजनिक स्थानों, होटलों, रेस्टोरेंटों व अन्य मनोरंजन केन्द्रों की आड़ में अश्लीलता, नग्नता अभद्रता, अशिष्टता व असामाजिक दृश्य उपस्थित करते हैं, उन्हें उससे बचना चाहिए। यदि फिर भी ऐसा होता है तो उनके विरुद्ध स्थानीय पुलिस व शासन – प्रशासन नियमानुसार उचित कार्यवाही करे, यह अपेक्षा है। किंतु, कोई भी व्यक्ति या संगठन कानून अपने हाथ में ना लेकर, कानून पालन करने वाली एजेंसियों के हाथ मजबूत कर, बहिन बेटियां के जीवन से खिलवाड़ करने वालों व लव जिहादियों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित कराएं।

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