मौजूदा संविधान की रक्षा के लिये एकजुट ताकतों को मोर्चा लेना होगा : डॉ. गिरीश

लखनऊ : महाकुंभ में सैकड़ों श्रद्धालुओं को मौत के मुंह में धकेलने के लिये जिम्मेदार मोदी- योगी की डबल इंजन सरकार और संघ परिवार अब भी कुम्भ को हिन्दू राष्ट्र के एजेंडे पर चलाने पर अडिग हैं। उन्होने अपने खीमे के साधु- संतों को आगे कर कुम्भ को आस्था के केन्द्र से विचलित कर अपनी विभाजनकारी कट्टरपंथी और सत्ता हड़पने की राजनीति का अखाडा बना दिया है।
एक प्रेस बयान में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डा. गिरीश ने कहा कि ताजा मिसालें ये हैं कि जब दिल्ली विधानसभा का चुनाव एवं मिल्कीपुर विधानसभा के उपचुनाव चल रहे हैं, आदर्श आचार संहिता की धज्जियां बिखेरते हुये प्रधानमंत्री श्री मोदी कुम्भ में डुबकी लगाने पहुँच गये। जब चुनाव प्रचार बंद होचुका होता है और कहीं मतदान हो रहा होता है तब मोदी जी कभी केदारनाथ गुफा में तपस्या का उपक्रम करते हैं तो कभी कोई अन्य धार्मिक प्रहसन करके मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। निर्वाचन आयोग भी इन गतिविधियों पर आंखें बंद किए रहता है।
ये बात अलग है कि आज उन्होने गर्दन तक वाटर प्रूफ शूट पहन कर डुबकी लगाई और सिर और चेहरे को गंगाजल से ऊपर रखा। श्रद्धा और आस्था का ढोंग उजागर हो गया।
यही नहीं महाकुंभ को मौजूदा संविधान को ध्वस्त कर कथित हिन्दू राष्ट्र के संविधान को प्रचारित करने का मंच बना दिया गया है। एक नामी हिन्दी पत्र में प्रकाशित खबर के अनुसार महाकुंभ परिसर में आयोजित ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ नामधारी आयोजन में इस कथित संविधान को विधिवत घोषित कर दिया गया और 2030 तक इसे लागू करने का लक्ष्य रखा गया। इसमें मौजूदा संविधान, धर्मनिरपेक्षता और लोकतान्त्रिक व्यवस्था को खुली चुनौती दी गयी है।
कथित संविधान की संकीर्णता इसीसे जाहिर होती है कि इसके प्रायोजकों ने जो घोषणाएं की हैं वे बेहद खतरनाक हैं। कहा गया है कि जब पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र बना है तो भारत हिन्दू राष्ट्र क्यों नहीं? …. आज से सभी लोग भारत को हिन्दू राष्ट्र बोलें और लिखें…. वोट देने का अधिकार सिर्फ हिंदुओं को दिया जायेगा…. गुरुकुल शिक्षा पद्धति लागू की जायेगी…. आदि।
साथ ही निर्णय लिया गया है कि हिन्दू राष्ट्र के प्रचार के लिये संपूर्ण भारत में विजय यात्रा निकाली जायेगी।
इतिहास गवाह है कि पहले भी संघ/ जनसंघ और भाजपा ने साधु संतों को आगे कर गो रक्षा आंदोलन और मंदिर आंदोलन शुरू कराये और बाद में इन्हें हड़प कर अपनी सत्ताप्राप्ति का साधन बना लिया।
डा. गिरीश ने कहा कि हमारा खुला आरोप है कि कथित हिन्दू राष्ट्र निर्माण की इस मुहिम के पीछे भी संघ और भाजपा हैं। यही कारण है कि बार बार आरोप लगने के बाद भी भाजपा और आरएसएस ने इस मुहिम में शामिल होने का खंडन नहीं किया।
भाकपा सभी धर्मनिरपेक्ष लोकतान्त्रिक एवं संविधान की रक्षा के लिये प्रतिबध्द ताकतों से अपील करती है कि इस मुहिम को गंभीरता से लें और देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने की इस साजिश को विफल करने को संगठित हों।