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लखनऊ में कहीं पर किसी भी समय आसमान से उतर सकती है Indian Army, पराक्रम दिखाने वाले वीर जवान सम्मानित

लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सेना दिवस कार्यक्रम के क्रम में भारतीय सेना लगातार सुरक्षा का एहसास करा रही है। शनिवार को भी लखनऊ छावनी  स्थित 11 गोरखा राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर (जीआरआरसी) परेड ग्राउंड में आयोजित अलंकरण समारोह के मौके पर पराक्रम दिखाने वाले वीर जवानों व अधिकारियों को जहां सम्मानित किया गया। वहीं दूसरी ओर सेना के अन्य जवानों ने कार्यक्रम स्थल पर जो कार्यक्रम प्रस्तुत किए उनकों देखकर लोगों ने दांतो तले उंगली दबा ली। सेना के जवानों इस दौरान भारत की पूर्ण सुरक्षा का एहसास कराया और ये भी बताया लखनऊ सहित देश के किसी भी कोने में किसी भी समय इंडियन आर्मी का एक-एक जवान पहुंच सकता है और दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।

अलंकरण समारोह 2024 की शुरूआत में लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, मध्य कमान ने सेना के जाबांज अधिकारियों और अन्य रैंकों को वीरता और विशिष्ट सेवा पुरस्कारों से सम्मानित किया। इस मौके पर 8 वीरता पुरस्कार और 11 विशिष्ट सेवा पुरस्कार दिए गये। पुरस्कार विजेताओं को दुश्मन के सामने वीरता के विभिन्न कार्यों के साथ-साथ राष्ट्र के प्रति असाधारण कर्तव्यनिष्ठा और सेवा के लिए सम्मानित किया गया। इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने मध्य कमान की 17 सैन्य इकाइयों द्वारा प्रदान किए गए असाधारण प्रदर्शन और सेवाओं के लिए जीओसी-इन-सी यूनिट प्रशंसा पत्र से भी सम्मानित किया।

लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने मेधावी और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ट्रॉफी – सूर्या कमांड सर्वश्रेष्ठ ग्रीन स्टेशन के लिए प्रयागराज, सर्वश्रेष्ठ जोनल हॉस्पिटल के लिए सैन्य अस्पताल मेरठ, सर्वश्रेष्ठ फील्ड हॉस्पिटल के लिए 60 पैरा फील्ड अस्पताल, बेस्ट मिड जोनल व पेरीफेरल अस्पताल के लिए 161 सैन्य अस्पताल तथा बेस्ट ईसीएचएस पॉलीक्लीनक के लिए ईसीएचएस पॉलीक्लीनिक मेरठ को प्रदान की। इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने सभी रैंकों से हर क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और भारतीय सेना की उच्च परंपराओं को हर समय बनाए रखने का आह्वान किया।

इन वीर जवानों को मिला सम्मान 

मध्यकमान के लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) ने इस अवसर जनरल ऑफिसर प्राप्तकर्ताओं को 8 वीरता पुरस्कार और 11 विशिष्ट सेवा पुरस्कार प्रदान करेंगे। 17 इकाइयों को उनकी पेशेवर उत्कृष्टता के लिए जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ यूनिट प्रशंसा के साथ-साथ पांच सूर्या कमांड ट्रॉफियां भी प्रदान की। सम्मान पाने वालों में मेजर सुजय घोरपड़े, मेजर अभिषेक त्यागी, मेजर प्रशांत भट्ट, मेजर लालनगाइसांग वैफेई, मेजर हितेश खरायत, लेफ्टिनेंट कर्नल ध्रुव राजन और कैप्टन सिद्धार्थ शेखर को सेना पदक (वीरता) और मेजर नीतीश त्यागी और मेजर ए रंजीत कुमार को ‘बार टू सेना मेडल वीरता’ से अलंकृत किया किया गया।

18 हजार फिट ऊपर दिया हवाई डिलवरी को अंजाम, सेना पदक वीरता से हुए सम्मानित

 मेजर सुजय घोरपड़े:- मेजर सुजय घोरपड़े सतारा, महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। मौजूदा बेले केबल के टूटने के कारण, सियाचिन ग्लेशियर में तीन अग्रिम चौकियां पूरी तरह से कट गई थीं। इसे बहाल करने के मिशन में हेलीकॉप्टर सीमाओं, अत्यधिक ऊंचाई, मौसम और नियंत्रण रेखा की निकटता के कारण भारी चुनौतियां थीं और परिचालन सीमाओं के कारण एमआई-17 और एडवांस लाइट हेलीकॉप्टरों द्वारा इसे पूरा नहीं किया जा सका। मेजर सुजय घोरपड़े ने खतरे की स्थिति को समझते हुए, उच्चतम स्तर की पेशेवर तत्परता का प्रदर्शन करते हुए 18000 फीट की ऊंचाई पर आगे की उड़ान में अंडरस्लंग हवाई डिलीवरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जहां इतना भारी भार कभी नहीं गिराया गया। मेजर सुजय घोरपड़े द्वारा प्रदर्शित को “सेना पदक (वीरता)” से सम्मानित किया गया है।

आंतकियों को घेरकर पहुंचाया उनके उनके अंजाम तक, सेना मेडल वीरता से हुए सम्मानित

 मेजर प्रशांत भट्ट – 2022 में आतंकवादियों की मौजूदगी के संबंध में विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर अनंतनाग जिले के एक जंगली इलाके में एक ऑपरेशन शुरू किया गया था। बागेश्वर, उत्तराखंड के मेजर प्रशांत भट्ट एक छोटी सी टीम का नेतृत्व कर रहे थे, जिसे स्टॉप तैनात करने और लक्ष्य पर कड़ी निगरानी स्थापित करने का काम सौंपा गया था। अधिकारी अपनी सावधानीपूर्वक योजना और सामरिक कौशल के माध्यम से अंधेरे की आड़ में अप्रत्याशित मार्ग का उपयोग करते हुए अपनी टीम के साथ आगे बढ़े । संदिग्ध गतिविधि देखने पर, अधिकारी सावधानी से लक्ष्य की ओर रेंगते रहे। असाधारण युद्ध कला और अदम्य साहस के साथ उनके निर्णायक युद्धाभ्यास ने उन्हें एक स्वचालित राइफल के साथ एक आतंकवादी को ठिकाने से नाले की ओर जाते हुए देखने में सक्षम बनाया, जिससे आतंकवादियों की उपस्थिति की पुष्टि हुई। आतंकवादी से बचकर निकलने के दौरान भारी गोलीबारी का सामना करने के बावजूद, पहले आतंकवादी को करीब से घेर लिया और उसे मार गिराया। उद्यमशील नेतृत्व और असाधारण बहादुरी के इस कार्य के लिए, मेजर प्रशांत भट्ट को “सेना मेडल (वीरता)” से सम्मानित किया गया है।

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