डॉ. के. ए. पॉल ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को लिखा पत्र, विशेष दर्जा मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की

हैदराबाद | वैश्विक शांति पहल (Global Peace Initiative) के संस्थापक और प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय शांति कार्यकर्ता डॉ. के. ए. पॉल ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन. चंद्रबाबू नायडू को एक खुला पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने राज्य को विशेष राज्य का दर्जा (Special Category Status – SCS) देने की वर्षों से लंबित मांग पर तुरंत कार्रवाई करने की अपील की है। डॉ. पॉल ने यह भी कहा कि 21 अगस्त और 10 सितंबर 2024 को हुई सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार राज्य सरकार को काउंटर-अफिडेविट दाखिल करना चाहिए था, जो अब तक नहीं किया गया है।
डॉ. पॉल ने पत्र में बताया कि हाईकोर्ट ने उनके द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया था और राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे आंध्र प्रदेश की जनता के प्रति अपनी कानूनी, नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी निभाएं।
“यह वह क्षण है जब आप इतिहास में एक स्थायी छाप छोड़ सकते हैं,” डॉ. पॉल ने लिखा। उन्होंने मुख्यमंत्री को 2014 के चुनावों में दिए गए अपने समर्थन की याद दिलाते हुए कहा, “आंध्र प्रदेश का विभाजन अन्यायपूर्ण तरीके से किया गया, बिना राजधानी और बुनियादी ढांचे के। जनता से न्याय का वादा किया गया था और अब वह न्याय मिलना चाहिए।”
डॉ. पॉल ने अपने पत्र में संविधान के अनुच्छेद 14, 21, 39(बी), 266, 282, और 360, साथ ही 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों का हवाला दिया। उन्होंने सोनिया गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह, नरेंद्र मोदी और वेंकैया नायडू जैसे नेताओं द्वारा विशेष दर्जे के वादों को भी रेखांकित किया, जो सार्वजनिक मंचों पर दिए गए थे।
*पत्र के प्रमुख बिंदु:*
* आंध्र प्रदेश पर ₹10 लाख करोड़ से अधिक का कर्ज है और राज्य के पास आवश्यक बुनियादी ढांचा या निवेश का माहौल नहीं है।
* विशेष दर्जा मिलने पर 90% केंद्रीय फंडिंग, कर छूटें और निवेश आकर्षण के प्रावधान मिलेंगे।
* डॉ. पॉल का दावा है कि विशेष दर्जा मिलने से ₹2–3 लाख करोड़ का आर्थिक निवेश आ सकता है और राज्य की जीडीपी हर पाँच साल में दोगुनी हो सकती है।
* उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे सांप्रदायिक एजेंडों के दबाव में न आएं और अपने धर्मनिरपेक्ष व प्रगतिशील मूल्यों को फिर से अपनाएं।
डॉ. पॉल ने यह भी कहा कि इस मांग के समर्थन में एक शांतिपूर्ण जन आंदोलन शुरू किया जाना चाहिए, जिसमें सभी वर्गों — नागरिक समाज, युवा संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं — जैसे पवन कल्याण, वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को साथ लाया जा सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह आंदोलन केवल राजनीतिक या आर्थिक नहीं, बल्कि नैतिक और ऐतिहासिक न्याय से जुड़ा मुद्दा है।
*महिलाओं की सुरक्षा को लेकर नया विधेयक लाने की अपील*
डॉ. पॉल ने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से यह भी आग्रह किया कि वे आंध्र प्रदेश विधानसभा में एक सख्त विधेयक लाएं, ताकि राज्य की युवा लड़कियों और महिलाओं को क्रूर साहूकारों से बचाया जा सके। उन्होंने एक हालिया घटना का उल्लेख किया, जिसमें आज चित्तूर जिले के कुडप्पम क्षेत्र — मुख्यमंत्री के अपने निर्वाचन क्षेत्र — में एक युवती को पेड़ से बांधकर पीटा गया, क्योंकि उसके पति ने ₹80,000 का कर्ज चुकाया नहीं था। इस मामले में एक टीडीपी कार्यकर्ता को आरोपी बताया गया है। इस घटना का एक वीडियो रिपोर्ट एक टीवी चैनल द्वारा प्रसारित किया गया है, जिसे साक्ष्य के रूप में संलग्न किया गया है।