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गुरु काशी यूनिवर्सिटी के छात्रों ने IDEATHON 2025 में ग्लोबल टॉप 10 में बनाई जगह

दिल्ली/ बठिंडा : भारतीय शैक्षणिक जगत के लिए गर्व का क्षण है कि गुरु काशी यूनिवर्सिटी (GKU) की एक छात्र-शिक्षक टीम ने अमेरिका की फ्लोरिडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित IDEATHON 2025 में दुनिया की टॉप 10 टीमों में अपनी जगह बनाई है। यह प्रतियोगिता हर साल दुनिया भर के युवाओं को एक साथ लाकर आज की बड़ी चुनौतियों के लिए नए और बेहतर समाधान खोजने का मौका देती है।

GKU की टीम—डॉ. मनीता पनेरी, डॉ. विकास गुप्ता, सुरज कुमार और राजेंद्र कुमार—ने हेल्थ टेक और वेल-बीइंग कैटेगरी में हिस्सा लिया, जहाँ उनके प्रोजेक्ट को इसकी प्रैक्टिकल इनोवेशन और मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के लिए चुना गया। टीम ने ऐसा समाधान तैयार किया है जो विशेष रूप से वंचित समुदायों के लिए डिज़ाइन की गई डिजिटल हेल्थकेयर तकनीकों के ज़रिए निवारक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच को बेहतर बनाने पर केंद्रित है।

यूनिवर्सिटी के चांसलर एस.गुरलाभ सिंह सिद्धू ने टीम को बधाई देते हुए कहा कि ये हमारी यूनिवर्सिटी के लिए बहुत बड़ा सम्मान है। हमारे छात्र और फैकल्टी अब न सिर्फ देश में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहे हैं।”

वाइस चांसलर डॉ. रमेश्वर सिंह ने भी खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, “इस सफलता ने साबित कर दिया है कि हम जो सीखते हैं, वो अगर समाज के काम आए तो उसका असर कितना बड़ा हो सकता है। हम चाहते हैं कि हमारे छात्र न सिर्फ पढ़ाई करें, बल्कि दुनिया को बेहतर बनाने में भी योगदान दें।”
IDEATHON अपनी कठोर चयन प्रक्रिया और विविध प्रतिभागियों के लिए जाना जाता है, जिसमें विश्वभर की प्रतिष्ठित संस्थाओं की टीमें भाग लेती हैं। इस साल का थीम था—हेल्थ, सस्टेनेबिलिटी और डिजिटल वेल-बीइंग को नए नजरिए से देखना।

टीम की सदस्य डॉ. मनीता पनेरी ने कहा कि हमारे लिए ये सिर्फ एक पुरस्कार नहीं है—ये एक संदेश है कि हेल्थकेयर में बदलाव लाने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनें या भारी इंफ्रास्ट्रक्चर ज़रूरी नहीं, एक नई सोच और सही टीम ही काफी है।”

डॉ. विकास गुप्ता ने भी अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “एक क्लासरूम में शुरू हुई बातचीत अब दुनिया के टॉप आइडियाज में गिनी जा रही है—इससे बड़ा मोटिवेशन और क्या हो सकता है?”

GKU के लिए यह केवल एक जीत नहीं है, बल्कि एक प्रेरणा है कि जब छात्र और शिक्षक एक समान उद्देश्य के साथ मिलकर काम करते हैं, तो असाधारण परिणाम सामने आ सकते हैं। यह विश्वविद्यालय की बढ़ती हुई प्राथमिकता को भी दर्शाता है जो अनुप्रयुक्त अनुसंधान, सामाजिक नवाचार और कक्षा से परे व्यावहारिक शिक्षण पर केंद्रित है।

विश्वविद्यालय ने इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए टीम को पूरा समर्थन देने की घोषणा की है और यूनिवर्सिटी का मानना है कि यह उपलब्धि आने वाले और भी छात्रों को न केवल बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करेगी, बल्कि उन्हें ऐसे आइडियाज पर काम करने का हौसला भी देगी, जो असल दुनिया में बदलाव ला सकें।

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