तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक में औद्यानिक योजनाओं के सफल संचालन हेतु लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
लखनऊ । उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तर प्रदेश में संचालित विभिन्न औद्यानिक विकास योजनाओं और कार्यक्रमों के सफल संचालन, आधुनिक तकनीकों के उपयोग और देश-विदेश में हो रहे अनुसंधान एवं नवाचारों के लाभ किसानों तक पहुँचाने के उद्देश्य से तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मोनिका एस. गर्ग की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में प्रदेश में औद्यानिक फसलों के क्षेत्र विस्तार, कीटनाशक उपयोग की निगरानी, और फूलों की खेती को बढ़ावा देने सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में औद्यानिक फसलों के क्षेत्र विस्तार के लिए उच्च गुणवत्ता के संकर (F1) बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए वाराणसी स्थित भारतीय शाकभाजी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर), अयोध्या के नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एएनडीयूएटी) और लखनऊ के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआईएसएच) को उन्नत प्रजातियों की सूची और उपलब्धता की जानकारी विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। इसके आधार पर विभाग आवश्यकतानुसार बीजों की मांग प्रेषित करेगा।
रासायनिक कीटनाशकों के नियंत्रित उपयोग को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया। इसके लिए आरसीआईपीएमसी, लखनऊ के संयुक्त निदेशक डॉ. जी.पी. सिंह को निर्देश दिया गया कि वे विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार करें, जिन्हें जनपद स्तर पर किसानों के बीच प्रचारित किया जाएगा। इससे न केवल रासायनिक कीटनाशकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यावरण और कृषि उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़ेगा।
एनबीआरआई, लखनऊ के निदेशक डॉ. ए.के. शासने ने जानकारी दी कि संस्थान द्वारा प्रदेश में 12 क्लस्टरों में फूलों की खेती की जा रही है। बैठक में गुलाब, गेंदा और ग्लैडियोलस जैसी फूलों की उन्नत खेती को बढ़ावा देने के लिए एनबीआरआई के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने का निर्णय लिया गया। इससे किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उनके आय स्रोतों में वृद्धि होगी।
किसानों तक सब्जी उत्पादन की उन्नत तकनीकों को पहुँचाने और आम के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए वाराणसी स्थित आईआईवीआर और लखनऊ स्थित सीआईएसएच के साथ समन्वय स्थापित कर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया। बदलते मौसम के कारण सब्जियों में कीट और रोगों के बढ़ते खतरे को देखते हुए कृषि विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों से रोगों की रोकथाम के लिए परामर्श उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया, ताकि किसानों को इन खतरों से बचाव के उपाय बताए जा सकें।
बैठक में उपस्थित विशेषज्ञों और अधिकारियों ने औद्यानिक परियोजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सुझाव दिए। बैठक में सचिव कृषि श्री अनुराग यादव, विशेष सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग श्री ओ.पी. वर्मा, निदेशक डॉ. वी.बी. द्विवेदी, निदेशक कृषि डॉ. जितेन्द्र कुमार तोमर, सीआईएसएच के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुशील शुक्ला, आईआईवीआर वाराणसी के डॉ. अनंत बहादुर सिंह और अन्य अधिकारी शामिल हुए।