सहकारिता महिलाओं, युवाओं, किसानों और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए सतत प्रयत्नशील : नितिन अग्रवाल

लखनऊ : 71वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के अवसर पर उ.प्र. कोआपरेटिव फेडरेशन लि. कृषक भारती कोआपरेटिव लि. एवं उ.प्. सहकारी जूट एवं कृषि विकास संघ के संयुक्त तत्वाधान में पी.सी.एफ. के सभागार में महिलाओं, युवाओं और कमजोर वर्गों के लिए सहकारी संगठन में सहकारिताओं की भूमिका विषय पर गोष्ठी का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि आबकारी एवं मद्य निषेध मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि सहकारिता महिलाओं, युवाओं, किसानों और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए सतत प्रयत्नशील है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह तथा प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री जे.पी.एस. राठौर के नेतृत्व में किसानों की आय को दोगुनी करने, महिलाओं, युवाआंे एवं कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने के लिए सहकारिता विभाग द्वारा विभिन्न योजनायंे संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विश्व में सबसे ज्यादा युवाओं की संख्या देश में है। इन युवाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 के सपनों को साकार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा नैनो यूरिया व नैनो डीएपी जैसी क्रांतिकारी योजनायें किसानों के लिए चलाई जा रही है। पैक्स फेड व साधन सहकारी समितियों के माध्यम से विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं को आमजन तक पहुंचाया जा रहा है। सहकारिता एक बड़ा प्लेटफार्म है जो किसानों को बीज, उर्वरक व अन्य रसायन की उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
प्रमुख सचिव सहकारिता एम.पी. अग्रवाल ने कहा कि सहकारिता सप्ताह का आयोजन सभी सहकारी संस्थाओं द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। नेफेड के माध्यम से दलहन एवं तिलहन की खरीद की जा रही है। पीसीएफ के माध्यम से किसानों को उचित मूल्य पर उर्वरक, बीज, रसायन व कृषि कार्य हेतु यंत्रों को उपलब्ध कराया जाता है। सहकारिता द्वारा किसानांे की आय को दोगुनी करने के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं।
पीसीएफ के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने बताया कि पीसीएफ का वित्तीय वर्ष 2021-22 में वार्षिक लक्ष्य 11224.91 करोड़ रूपये, वित्तीय वर्ष 2022-23 का वार्षिक लक्ष्य 12116.52 करोड़ रूपये तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 में वार्षिक लक्ष्य 13542.74 करोड़ रूपये निर्धारित है। पीसीएफ द्वारा किये जा रहे व्यवसाय मुख्यतः कृषकों एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों के लिए किये जाते हैं। पीसीएफ द्वारा उर्वरकों का भंडारण एवं बिक्री प्रदेश में 7749 सहकारी समितियों व 223 कृषक सेवा केन्द्रों के माध्यम से किसानों को, की जाती है। कुछ व्यवसायों हेतु प्रदेश के बाहर भी कार्यालय संचालित हैं। प्रदेश मंे उर्वरक क्रय एवं वितरण का कार्य पीसीएफ द्वारा किया जा रहा है। गोदामों शीतगृहांे एवं प्रदेश में प्रमुख स्थलों पर 223 कृषक सेवा केन्द्रों के माध्यम से कृषकों को उर्वरक बीज, रसायन, यंत्र आदि कृषि निवेशों का वितरण किया जा रहा है। सहकारी समितियों एवं पीसीएफ सहकारी केन्द्रों द्वारा किसानों से गेहूॅ एवं धान की खरीद कर भारतीय खाद्य निगम एवं खाद्य विभाग को गेहूॅ एवं चावल की आपूर्ति की जाती है। नैफेड के माध्यम से मूल्य समर्थन योजनान्तर्गत दलहन एवं तिलहन की खरीद किसानों से की जा रही है। पीसीएफ द्वारा 13 शीतगृह उ0प्र0 में और 01 शीतगृह महाराष्ट्र में स्थापित है।
कार्यक्रम में सभापति उ.प्र. कोआपरेटिव फेडरेशन लि. बाल्मीकी त्रिपाठी, सभापति उ.प्र. सहकारी जूट एवं कृषि विकास संघ चन्द्र कुमार मिश्र, प्रबंध निदेशक उ.प्र. सहकारी जूट एवं कृषि विकास संघ धीरेन्द्र सिंह, उप महाप्रबंधक कृषक भारती कोआपरेटिव लि. श्र वी0के0 सिंह सहित सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।