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सर्फेस वाटर के माध्यम से माइक्रो एरिगेशन का प्रोजेक्ट तैयार किया जाए सर्वे एवं प्लानिगं में ड्रोन टेक्नालॉजी का प्रयोग किया जाए

लखनऊ : कमाण्ड एरिया डेवलपमेन्ट थ्रू माइक्रो एरिगेशन (सर्वे एवं प्लानिंग) पर मार्डन ड्रोन टेक्नालॉजी के प्रयोग पर एक तकनीकी प्रशिक्षण कार्यशाला होटल कसाया इन, गोमती नगर, लखनऊ में सर्वे एवं प्लानिंग से जुड़ी संस्थाओं द्वारा ग्रेटर शारदा सहायक समादेश, उ०प्र० लखनऊ के सहयोग से आयोजित की गयी।

इस तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि अजय दीप सिंह, सेवानिवृत्त आई०ए०एस० द्वारा दीप प्रज्जवलन कर की गयी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सर्वप्रथम रजनीश प्रकाश चौधरी, अधीक्षण अभियन्ता द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में बोलते हुये राजीव यादव, अपर आयुक्त, ग्रेटर शारदा द्वारा कहा गया कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक समस्या है, जिससे निपटने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग में जागरूकता की आवश्यकता है।

जलवायु परिवर्तन से जल संरक्षण एवं जल संरक्षण हेतु माइक्रो एरिगेशन की नवीन पद्धतियों की जानकारी अत्यन्त आवश्यक है। डॉ. हीरा लाल, अध्यक्ष एवं प्रशासक, ग्रेटर शारदा द्वारा सर्वे एवं प्लानिंग के लिए जमीनी स्तर पर कार्यवाही को आवश्यक बताया। उन्होंने सम्बोधित करते हुये कहा कि बिना टेक्नालॉजी के किसी भी परियोजना के उद्देश्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता। सर्वे एवं प्लानिंग में ड्रोन टेक्नालॉजी की उपयोगिता पर बल देते हुये इसे जरूरी और मजबूरी बताया। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी कर्मचारी अपने अपने क्षेत्र में सर्फेस वाटर के माध्यम से माइक्रोएरिगेशन को लागू करने के लिए प्रोजेक्ट बनाकर 15 दिन में प्रस्तुत करें। अपने सम्बोधन में उन्होंने यह भी अपील की, कि अधिकारियों और कर्मचारियों का विकास केवल और केवल उनके द्वारा ही किया जा सकता है। इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने और नई तकनीक सीखने और इसे अमल में लाने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये अजय दीप सिंह, सेवानिवृत्त आई०ए०एस० द्वारा सर्वे एवं प्लानिंग में ड्रोन टेक्नालॉजी को आवश्यक बताते हुये इस पर दिये जा रहे प्रशिक्षण की प्रशंसा की तथा अपने पूर्व प्रशासनिक अनुभवों को साक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि कोई भी उद्देश्य तभी पूर्ण हो सकता है, जब उसके पीछे ईमानदारी और लगन हो।

अनिरूद्ध सिंह, प्रतिनिधि, सिटी मान्टेसरी स्कूल, लखनऊ द्वारा इस तरह के प्रशिक्षण को अनिवार्य बताया। कार्यशाला में कई तकनीकी सत्र आयोजित किये गये, जिनमें विभाग के अधिकारियों तथा सर्वे एवं प्लानिंग से जुड़े हुये संस्थाओं के तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा सर्वे, प्लानिंग, डिजाइनिंग, बेनिफिट ऑफ मार्डन टेक्नालॉजी, एडवांस मैपिंग टेक्नालॉजी, जियोटैग आधारित ड्रोन टेक्नालॉजी पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में ए०पी०एस०एल० सैल्युशन, एडवांस जियोटैग सैल्युशन, कल्यानी जियोटैग, पी०सी०एस० मैंनेजमेंट कन्सलटेन्सी, प्योरवेज इन्फा, बिजनेस इनोवेशन, एल०आर०एम० कल्सटेन्स एवं ऐरोडाइन इण्डिया द्वारा तथा विभागीय तकनीकी अधिकारियों द्वारा सर्वे एवं प्लानिंग से जुड़ी हुई विभिन्न टेक्नालॉजियों पर प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यक्रम में ग्रेटर शारदा सहायक समादेश के समस्त उप निदेशक, भूमि संरक्षण अधिकारी, अवर अभियन्ता, सहायक भूमि संरक्षण निरीक्षक एवं अन्य तकनीकी अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा भाग लिया गया। कार्यक्रम का समापन श्री संदीप कुमार, डायरेक्टर सेल, ए०पी०एस०एल० सैल्युशन, नई दिल्ली द्वारा धन्यवाद् ज्ञापन के साथ किया गया।

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