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श्रीमद्भगवदगीता : तात्विक भाव’ पुस्तक का हुआ विमोचन

वरिष्ठ साहित्यकारों को मंच पर शाल, पुष्प-गुच्छ तथा मोमेंटो देकर किया गया उनका हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन

लखनऊ । सहकारिता भवन स्थित चौधरी चरण सिंह ऑडिटोरियम में आज प्रसिद्ध भौतिकविद डॉक्टर उदय प्रताप सिंह द्वारा लिखित पुस्तक ‘श्रीमद्भगवद्गीता : तात्विक भाव’ का विमोचन समारोह बड़ी भव्यता और दिव्यता के साथ संपन्न हुआ।इस समारोह की अध्यक्षता संस्कृत के मूर्धन्य विद्वान एवं पूर्व अध्यक्ष, संस्कृत विभाग,लखनऊ विश्वविद्यालय,लखनऊ प्रोफेसर ओम प्रकाश पाण्डेय रहे।समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में पद्मश्री डॉक्टर विद्या विंदु सिंह,वरिष्ठ साहित्यकार, डॉक्टर रश्मिशील,वरिष्ठ साहित्यकार, डॉक्टर दिनेश चन्द्र अवस्थी,पूर्व अध्यक्ष एवं संस्थापक,उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, लखनऊ,डॉक्टर दिवाकर दलेला,पूर्व अध्यक्ष, यूरोलॉजी विभाग, केजीएमयू, डॉक्टर सर्वेंद्र विक्रम सिंह, पूर्व निदेशक,बेसिक शिक्षा,उत्तर प्रदेश,लखनऊ, प्रोफेसर राकेश सिंह, हिंदी विभाग,इलाहाबाद विश्विद्यालय, प्रयागराज,डॉक्टर परमजीत कौर, श्रीमती चंद्रकांता सिंह,डॉक्टर सिद्धार्थ सिंह, डॉक्टर सोनल गहलोत,श्री आरके तिवारी, पूर्व डीजीपी,उत्तर प्रदेश,श्री रवि कपूर,प्रसिद्ध छायाकार तथा यूनिवर्सल के प्रतिनिधि,उत्तर प्रदेश जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन के महामंत्री अब्दुल वहीद,अशोक सिंह सहित कई गणमान्य हस्तियां, प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, साहित्यकार, इष्ट मित्र, पारिवारिकजन तथा काफी संख्या में मीडिया कर्मी उपस्थित थे।दर्शकों से खचाखच भरे ऑडिटोरियम में समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती की वाणी-वंदना से हुई, फिर सभी अतिथियों को मंच पर शाल, पुष्प-गुच्छ तथा मोमेंटो देकर उनका हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन किया गया।

समारोह का सफल संचालन प्रसिद्ध उद्घोषक तथा शासन में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत श्री अजय कुमार पाण्डेय द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया। समारोह में उपस्थित सभी प्रसिद्ध वक्ताओं ने पुस्तक पर अपने- अपने सारगर्भित विचार रखे तथा पुस्तक पर गहन चर्चा-परिचर्चा की तथा इस पुस्तक को मानव जीवन का आधार और आवश्यकता बताते हुए इस पर विस्तार से प्रकाश डाला और इस आध्यात्मिक पुस्तक को पठनीय एवं संग्रहणीय बताया।


पुस्तक के लेखक डॉक्टर उदय प्रताप सिंह ने अपने लेखकीय उद्बोधन में पुस्तक के विषय वस्तु पर विस्तार से प्रकाश डाला और इसके व्यवहारिक और आध्यात्मिक पक्ष को रेखांकित किया।अंत में, समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर ओम प्रकाश पाण्डेय के अध्यक्षीय सारगर्भित उद्बोधन तथा रतन कुमार श्रीवास्तव ‘रतन’ के आभार ज्ञापन के साथ विमोचन समारोह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

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