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ऋषि का सद्साहित्‍य नैतिक शिक्षा प्रदान करता है : उमानन्द शर्मा

गायत्री ज्ञान मंदिर के ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत 443वाँ युगऋषि वाङ्मय की स्थापना सम्पन्न

लखनऊ : गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत ‘‘कृष्‍णा पब्लिक स्‍कूल, रॉयल सिटी, औरंगाबाद, बिजनौर रोड, लखनऊ’’ के केन्‍द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं० श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 443वाँ ऋषि वाङ्मय की स्थापना का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्त्री श्रीमती सरोज श्रीवास्‍तव ने अपने दिवंगत पूज्‍य पिता स्‍व. कमला प्रसाद श्रीवास्‍तव एवं दिवंगत पूज्‍य ससुर स्‍व० परमात्‍मा सिंह श्रीवास्‍तव की स्मृति में भेंट किया तथा सभी छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को अखण्ड ज्योति (हिन्दी) पत्रिका भेंट की।
इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि “ऋषि का सद्साहित्‍य नैतिक शिक्षा प्रदान करता है।” डॉ. नीलम गुप्‍ता, सरोज श्रीवास्‍तव, संस्‍थान के प्रबन्‍धक  लालमणि यादव ने भी अपने विचार व्‍य‍क्‍त किये। संस्‍थान की प्रधानाचार्या श्रीमती कोमल अग्रवाल ने धन्‍यवाद ज्ञापन किया।
इस अवसर पर गायत्री ज्ञान मंदिर के प्रतिनिधि उमानन्द शर्मा, श्री देवेन्‍द्र सिंह, डॉ. नीलम गुप्‍ता,  सरोज श्रीवास्‍तव तथा संस्थान के  लालमणि यादव,  कोमल अग्रवाल, उप प्रबन्‍धक श्री आशुतोष यादव, शालिनी श्रीवास्‍तव,  पूनम पाठक, कुलसूम सिदि्दकी, सरोज सिंह, वान्‍या अवस्‍थी सहित शिक्षक शिक्षिकायें एवं छात्रगण मौजूद थे।

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