दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025: चिल्ड्रन्स बुक ट्रस्ट की 7 लाख से अधिक किताबें बिकीं

नई दिल्ली : दिल्ली के भारत मंडपम में 1 से 9 फरवरी को आयोजित विश्व पुस्तक मेले में पुस्तकों की जोरदार खरीदारी देखने को मिली। इस मेले में चिल्ड्रन्स बुक ट्रस्ट (CBT)का स्टॉल आकर्षक का केंद्र रहा, जो भारत मंडपम के हॉल नंबर 6 में लगाया गया था। यह स्टॉल पूरे मेले के दौरान बच्चों और युवा पाठकों के लिए प्रमुख आकर्षण बना रहा और बड़ी संख्या में लोगों को अपनी ओर खींचता रहा।
CBT अधिकारियों के अनुसार, पुस्तकों पर 10-20% की छूट और बच्चों के बीच CBT के प्रकाशनों की अपार लोकप्रियता के कारण इस वर्ष बिक्री के नए रिकॉर्ड बने। उन्होंने बताया कि 9 दिनों के मेले के दौरान 7 लाख से अधिक पुस्तकें बेची गईं।
कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में भी रिकॉर्ड बिक्री
चिल्ड्रन्स बुक ट्रस्ट ने इस साल न केवल नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में, बल्कि कोलकाता अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में भी शानदार बिक्री दर्ज की। इन मेलों में CBT की पुस्तकों और स्टॉल ने बच्चों और उनके अभिभावकों को बड़ी संख्या में आकर्षित किया। इस वर्ष ट्रस्ट ने दोनों मेलों में भागीदारी से रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की।
बच्चों के लिए नए बुक स्टोर्स और गतिविधियों की योजना
CBT की लीड स्ट्रैटेजिस्ट (कंटेंट, कम्युनिकेशन और प्रमोशन) राना सिद्दीकी ज़मान ने कहा, “पूर्वी भारत में मेलों में उत्साही प्रतिक्रिया को देखते हुए और हमारे आंतरिक सर्वेक्षण के आधार पर, CBT प्रमुख पूर्वी भारतीय शहरों में बच्चों के लिए मनोरंजन-युक्त बुक स्टोर्स खोलने की योजना बना रहा है। इन बुक स्टोर्स को ‘चिल्ड्रन्स फन ज़ोन’ के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां बच्चों को भारतीय सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों से भरपूर पुस्तकों के साथ-साथ शारीरिक खेलों और मनोरंजक गतिविधियों में संलग्न किया जाएगा।”_
दिल्ली में 20,000 वर्ग फुट का शंकर इंटरनेशनल चिल्ड्रन्स सेंटर (SICC) लॉन्च होगा
CBT के चेयरमैन किशोर लाल ने घोषणा की कि इस वर्ष CBT दिल्ली में 20,000 वर्ग फुट का ‘शंकर इंटरनेशनल चिल्ड्रन्स सेंटर’ (SICC)लॉन्च करेगा। इसमें बैठक कक्ष, विभिन्न कलात्मक गतिविधियों के लिए गतिविधि केंद्र, पिछले चित्रकला प्रतियोगिताओं में प्राप्त पेंटिंग्स के लिए आर्ट गैलरी, ऑन-द-स्पॉट प्रतियोगिताओं के लिए स्थान, गुड़िया कार्यशाला आदि होंगे। इस केंद्र का उद्देश्य भारत के विभिन्न हिस्सों और विदेशों के बच्चों के बीच सांस्कृतिक और कलात्मक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।” उन्होंने आगे कहा, “हमारी पुस्तकों के माध्यम से हम पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। SICC के माध्यम से हम बच्चों को यहां लाना चाहते हैं, ताकि वे बौद्धिक और कलात्मक रूप से विकसित हो सकें।”