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प्रोफेसर अरुण चौधरी बने अरबिंदो कॉलेज के स्थायी प्रिंसिपल,11 साल बाद भरा गया स्थायी प्रिंसिपल का पद

गैर -शैक्षिक कर्मचारियों को जल्द परमानेंट करने की रखी मांग

नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध अरबिंदो कॉलेज को लंबे अरसे बाद स्थायी प्रिंसिपल मिल गया है । यह पद पर 11 साल बाद स्थायी प्रिंसिपल की नियुक्ति हुई है । राजधानी कॉलेज में गणित विभाग के प्रोफेसर अरुण चौधरी को प्रिंसिपल बनाया गया है , उन्होंने शुक्रवार को स्थायी प्रिंसिपल पद के रूप में अपना कार्यभार संभाला । इस अवसर पर प्रबंध समिति की चेयरपर्सन प्रो.रूपम कपूर , कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल प्रो.विपिन अग्रवाल ने ज्वाइनिंग के बाद बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कॉलेज की बेहतरी के लिए कार्य करने का कहा । प्रोफेसर चौधरी को बधाई देने वालों का दिनभर तांता लगा रहा । उन्हें बधाई देने वालों में फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ.हंसराज सुमन , विद्वत परिषद सदस्य डॉ.विवेक धनखड़ ,डॉ. प्रशांत बड़थ्वाल , श्री विनय भारद्वाज , प्रो.विनय सिंह , डॉ.संजय त्यागी , डॉ.ओमप्रकाश , डॉ. राजकुमार वर्मा , डॉ. शिवमंगल कुमार , डॉ.पूनम जैन , प्रो. गिरीश चंद जोशी आदि ने पुष्पगुच्छ भेंटकर व मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया और शुभकामनाएं दी ।

फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के चेयरमैन डॉ. हंसराज सुमन ने प्रो.अरुण चौधरी के अरबिंदो कॉलेज में स्थायी प्रिंसिपल बनने पर उन्हें अंगवस्त्र व पुष्पगुच्छ भेंटकर अपनी बधाई व शुभकामनाएं देते हुए उनसे आग्रह किया है कि जिस तरह से यहाँ पर 100 से अधिक एडहॉक टीचर्स स्थायी हुए हैं ठीक उसी तरह से गैर- शैक्षिक कर्मचारियों के पदों को भी भरा जाए । यहाँ 50 फीसदी कर्मचारी अस्थायी है । उन्होंने बताया है कि इन पदों के विज्ञापन निकाले जा चुके हैं उन्हें भी जल्द से जल्द स्थायी करने की प्रक्रिया शुरू करें । ये कर्मचारी दस से पंद्रह व उससे अधिक समय से अस्थायी , कंट्रेक्चुअल , टेम्परेरी रूप में कार्यरत है । कुछ कर्मचारी तो उससे अधिक समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन उन्हें अभी तक स्थायी नहीं किया गया । उन्होंने बताया है कि कॉलेज में लंबे समय से कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति न होने के कारण इनमें बहुत से तो आयुसीमा पार कर चुके हैं , जब भी इनकी सलेक्शन कमेटी या इंटरव्यू हो इन्हें प्राथमिकता देकर स्थायी कराए ताकि लंबे समय से भविष्य व जीवन की अनिश्चितता में जी रहे कर्मचारियों के साथ न्याय सुनिश्चित किया जा सकें ।

इस अवसर पर नवनियुक्त प्रिंसिपल प्रो चौधरी ने स्थायी प्रिंसिपल का कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात शिक्षकों को अपने संबोधन में कहा कि उनकी प्राथमिकता में छात्र , कर्मचारी व शिक्षकों के हितों का ध्यान रखना है । उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार से वित्त पोषित सभी कॉलेजों की बिल्डिंग बन चुकी है लेकिन यह कॉलेज आज भी पुरानी बिल्डिंग में चल रहा है , सबसे पहले इसकी नई बिल्डिंग जहाँ इसे जमीन मिल चुकी है उस स्थान पर कॉलेज की नई बिल्डिंग बनवाना मेरी प्राथमिकता है , इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन व सरकार से मदद ली जाएगी । उन्होंने कहा कि हाल ही में स्थायी हुए शिक्षकों की समय पर कन्फर्मेशन लेटर देना व पदोन्नति करना , शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तैयार करवाना , इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्रों के लिए रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम लाना व वंचित समुदायों से आने वाले छात्रों की हर संभव मदद करना मेरी प्राथमिकता में है । उन्होंने आगे कहा कि हम अपने छात्रों को अध्ययन संबंधी किसी भी तरह की दिक्कतें नहीं आने देंगे । छात्रों के बिना शिक्षण संस्थान का कोई अस्तित्व नहीं इसलिए छात्रों की पढ़ाई पर पूरा फोकस रहेगा । उन्होंने कहा कि मैं प्रिंसिपल बाद में हूँ पहले शिक्षक हूँ और एक शिक्षक की तरह मैं भी कक्षा लूंगा ।

 

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