उत्तर-प्रदेशनई दिल्लीबड़ी खबरलखनऊ

आरक्षण घोटाला कर रही ममता बनर्जी सरकार और इंडी गठबंधन : सुनील यादव

बंग भवन के सामने दिल्ली भाजपा ओ.बी.सी. मोर्चा ने ममता बनर्जी सरकार के विरोध में पुतला दहन कर प्रदर्शन किया

नई दिल्ली  : दिल्ली भाजपा ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष  सुनील यादव के नेतृत्व में बंग भवन के सामने ओबीसी मोर्चा द्वारा ममता बनर्जी सरकार के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया और ममता बनर्जी का पुतला दहन किया।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2010 के बाद से पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द करते हुए ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति पर एक बहुत बड़ा ताला लगा दिया है। दूसरी ओर, एक ओर राहुल गाँधी ने कांग्रेस की पोल खोलते हुए स्वीकार कर लिया है कि कांग्रेस ने आजादी से लेकर 70 सालों तक देश के गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी एवं महिलाओं के साथ अन्याय किया। विरोध प्रदर्शन में ओबीसी मोर्चा महामंत्री राम खिलाडी यादव, उपाध्यक्ष श्याम कुमार, उपाध्यक्ष हिमांशु यादव, राम नरेश पाल, अनिल राजभर सहित अनेक कार्यकर्त्ता उपस्तिथ रहे।

विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए  सुनील यादव ने कहा कि इंडी गठबंधन के सभी घटक दल इसी मानसिकता पर काम कर रहे हैं और वे दलित, ओबीसी और आदिवासियों का हक़ छीन कर मुसलमानों को देना चाहते हैं। जब तक भाजपा है, वह दलित, ओबीसी और आदिवासियों के अधिकारों पर किसी को भी डाका नहीं डालने देगी।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए 2010 से 2024 तक तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी सरकार ने जितने प्रमाणपत्र ने जारी किए थे, उस सबको रद्द कर दिया है।

कोर्ट ने कहा कि ममता बनर्जी ने बिना कोई सर्वेक्षण कराये 118 मुसलमान जातियों को सीधे OBC वर्ग में शामिल कर के सभी मुसलमानों को आरक्षण का लाभ दे दिया था जो कि संविधान की मूल भावना का सरासर उल्लंघन था।

सुनील यादव ने कहा कि ममता बनर्जी ने पिछड़े वर्ग के अधिकार पर डाका डालते हुए उनसे आरक्षण छीन कर मुसलमानों को देना चाहती हैं, तभी तो हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद ममता बनर्जी ने कहा – “मैं कलकत्ता HC के फैसले को स्वीकार नहीं करती हूँ। ओबीसी आरक्षण वैसे ही जारी रहेगा”। यह ममता बनर्जी के अहंकार को दिखाता है और देश के संविधान के खिलाफ तृणमूल और इंडी गठबंधन की सोच को भी दर्शाता है।

ममता बनर्जी ने हाईकोर्ट के निर्णय पर जिस तरह का बयान दिया है, यह अराजकता का प्रतीक है। यह अदालत की अवमानना तो है ही, संविधान का अपमान तो है ही, साथ ही यह पश्चिम बंगाल की जनता के साथ विश्वासघात भी है क्योंकि हमारे संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है।

जून 2023 में, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने पाया कि रोहिंग्या और अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को पश्चिम बंगाल में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ था। एनसीबीसी ने यह भी पाया कि राज्य में हिंदुओं की तुलना में मुस्लिम ओबीसी जातियां अधिक थीं (हालांकि पश्चिम बंगाल में हिंदू बहुसंख्यक हैं)।

पश्चिम बंगाल में जिन 179 जातियों को ओबीसी का दर्जा ममता बनर्जी सरकार द्वारा दिया गया, उनमें से 118 जातियां मुस्लिम समुदाय से हैं।

ममता दीदी, आपकी तुष्टिकरण की राजनीति अब और नहीं चलने वाली। 04 जून को बंगाल की जनता 30 से अधिक लोक सभा सीटों पर कमल खिला कर 400 सीटों से मोदी जी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाएगी। इसी दिन से आपकी विदाई का दिन शुरू हो जाएगा।

राहुल गाँधी ने कल एक कार्यक्रम में जिसका कथित तौर पर नाम था संविधान सम्मान सम्मेलन, उसमें स्वीकार किया कि उनकी दादी, उनके पिताजी, उनकी माताजी के समय किस तरह संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही थी और दलित, पिछड़े एवं आदिवासियों का हक़ कांग्रेस की सरकार मार रही थी। आप सच को छुपाने की कितनी भी कोशिश करो लेकिन सच तो सच होता है, वह तो सामने आ ही जाता है।

कांग्रेस द्वारा पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों के शोषण के एक नहीं, कई उदाहरण हैं। कांग्रेस ने 40 साल तक ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता नहीं दी। ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता देने का कार्य यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया।

कांग्रेस ने दलित, ओबीसी एवं आदिवासियों के अधिकारों पर डाका डालने का हरसंभव काम किया। कांग्रेस ने अपने शासित राज्यों में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का आरक्षण छीन कर मुसलमानों को देने का पाप किया। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस ऐसा करने के कई प्रयास कर चुकी है। कर्नाटक में तो ओबीसी कोटे में मुसलमानों को डालकर ओबीसी का आरक्षण मुसलमानों को दिया जा रहा है।

कांग्रेस की सरकार ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिल्लिया इस्लामिया जैसे शिक्षण संस्थानों में भी ओबीसी, दलित और आदिवासियों का आरक्षण खत्म कर दिया।

जिस ममता बनर्जी ने ओबीसी का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को दिया, मुसलमानों को ओबीसी का दर्जा दिया, उसे कांग्रेस और सपा उत्तर प्रदेश में सीट दे रही है। ये इनकी तुष्टिकरण की राजनीति की पराकाष्ठा है।

बंगाल की ही तरह कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में मुसलमान जातियों को ओबीसी में शामिल कर रही है और धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण दे रही है। कर्नाटक, केरल और आंध्र प्रदेश में उसने विभिन्न समय में तमाम मुसलमानों को ओबीसी में डालकर उनको आरक्षण दिया है। आन्ध्र प्रदेश में चार बार इसका प्रयास किया गया। कर्नाटक में ओबीसी के अंदर कैटेगरी 2B बनाकर सभी मुस्लिम जातियों को आरक्षण दिया गया।

बाबा साहब का तो कांग्रेस ने कदम कदम पर विरोध किया। बाबा साहब को चुनाव में जीत से रोकने के लिए कांग्रेस ने बार–बार रोड़े अटकाए। बाबा साहब को नहीं दिया गया। बाबा साहब को भारत रत्न तब मिला जब केंद्र में भाजपा के समर्थन से सरकार बनी। कांग्रेस ने संसद में बाबा साहब का तैल चित्र भी नहीं लगने दिया।

 

Cherish Times

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button