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बाल व युवा नृत्यांगनाओं ने नृत्योत्सव में बिखेरी मोहक छटा 

विश्व नृत्य दिवस पर नृत्योत्सव व संवाद कार्यक्रम 

लखनऊ । संगीत की लयों पर अभिव्यक्तियों को व्यक्त करना नृत्य है, नृत्य आत्मा से परमात्मा का तारतम्य स्थापित करता है और नृत्य का सीधा सम्बन्ध हमारी स्त्री प्रकृति की शक्ति से होता है। कुछ ऐसे उदगार आज विश्व नृत्य दिवस के अवसर पर वरिष्ठ लोक नृत्यांगना सरिता सिंह ने उड़ान संस्था के तत्वावधान में फरीदी नगर चांदन रोड इन्दिरा नगर स्थित संस्था के सभागार में आयोजित नृत्योत्सव व संवाद कार्यक्रम में व्यक्त किये।

उन्होने बताया कि नृत्य रचनात्मकता, स्मृति और एकाग्रता को बढ़ाता है, यह एक सार्वभौमिक भाषा है जिससे व्यक्तियों को खुद को प्रकट करने और दूसरों से जुड़ने का मौका मिलता है। नृत्य से शारीरिक – मानसिक और भावनात्मक लाभ मिलते हैं। शास्त्रीय नृत्य, लोक नृत्य और बॉलीवुड नृत्य से आजकल की सबसे बड़ी समस्या तनाव से मुक्ति मिलती है। नृत्योत्सव में सरिता सिंह ने शास्त्रीय नृत्य के विभिन्न प्रकारों के अलावा लोकनृत्य पर भी विस्तार से प्रकाश डाला और प्रशिक्षणार्थियों ने संवाद द्वारा अपनी-अपनी जिज्ञासाओं को शान्त किया।

इस अवसर पर नृत्योत्सव का शुभारम्भ बाल नृत्यांगनाओं कविता, मिस्टी, पीहू, तनिष्का, पाखी, बानी, खुशी, आन्या, जीनी और आयुषी ने वंदेमातरम पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत कर लोगों में देशप्रेम की भावना जागृत की। देश भक्ति से परिपूर्ण इस प्रस्तुति के उपरान्त कल्पना, ऊषा, नीरज, निशा, निती, जानवी, सुनीता, ममता और लक्ष्मी ने मेरे ढोलना सुन और आकांक्षा, शिखा, अलका, आभा, सीमा, पारुल और सविता ने मोहे पनघट पे नन्द लाल पर भावपूर्ण अभिनय युक्त नृत्य प्रस्तुत कर मंत्र मुग्ध कर दिया।

Cherish Times

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