सनातन शक्ति रक्षा हित हुए बलिदान शशांक कुमार सिंह
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लखनऊ । भारत की सीमा को दुश्मनों से सुरक्षित रखने के लिए भारतीय सैनिक सदा तैयार रहते हैं । भारत को दुश्मनों से बचाने के लिए अनेकों सैनिको ने बलिदान दिया है। ऐसे वीर सैनिकों के बलिदान के कारण ही समस्त भारत के नागरिक चैन की नींद सोते हैं । चिनहट ब्लाक के सरायखां सतरिख में शशांक कुमार सिंह को उनके साथियों मनोज कुशवाहा ,प्रभु सिंह के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की गयी ।अमर शहीद शशांक कुमार का जन्म 02-जुलाई 1991 को हुआ । कम उम्र में ही देश सेवा के विचारों के साथ वह भारतीय सेना में शामिल हुए। देश सेवा में 57 राजपलस दुश्मनों को कोपवाडा जम्मू-कश्मीर की तैनाती के समय दुश्मनों को नाकों चने चबवाते 22 नवंबर 2016 अपने साथियों मनोज कुशवाहा प्रभु सिंह के साथ अपने को बलिदान कर दिया । पिता अरुण कुमार सिंह,माता कमलावती ,-बडे भाई हिमांशु कुमार सिंह जो भूतपूर्व सैनिक है, मंझले भाई सुधांशु सिंह (किसान) से छोटे थे शहीद शशांक कुमार सिंह, नाविरुद्दीन पुर गांव पोस्त खेलबपुर (काजिमा वाद) ज़िला ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश निवासी शहीद के परिवार जन पिछले सात वर्षों से जन सामान्य के साथ श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन करते आ रहे हैं।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि रवि कुमार सिंह डी एफ ओ लखनऊ ने शहीद के चित्र पर माल्यार्पण करके श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भाईयों में तीसरे नंबर पर शशांक कुमार सिंह और उनके साथियों ने बहुत ही कम आयु में देश हित पर न्यौछावर हो गये। लेकिन अपनी आयु से बड़ा काम करके अपने शहर ,माता पिता सभी को गौरवान्वित महसूस करा गये ।
सनातन धर्म ध्वज वाहिका सपना गोयल ने अपनी सनातन नारी शक्ति की महिलाओं के साथ अमर बलिदानी शशांक कुमार सिंह, मनोज कुशवाहा प्रभु सिंह को। श्रृद्धा सुमन अर्पित किया। मंदिर – मंदिर,घर- घर सुंदरकांड को पहुंचाने में संलग्न सनातन धर्म ध्वज वाहिका सपना गोयल ने बताया कि अमर शहीदो के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। 10 मार्च 24 में पांच हजार महिलाओ के साथ सुन्दरकाण्ड पाठ का आह्वान करते हुए सपना गोयल ने कहा कि जिस तरह राम भक्त हनुमान अजर अमर है उसी तरह ऐसे भारत के वीर सपूतों की गाथाएं अमर है हम सनातन धर्म प्रेमी नारी शक्ति अमर शहीदो को अपने श्रृद्धा सुमन अर्पित करते हैं।
इस अवसर पर बलिदानी को याद करते हुए कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें। जिसमें कृष्णनंद राय गाजीपुर, मनीष मगन गीतकार इटावा, कमलेश मौर्य सीतापुर, डा शिवमंगल सिंह मंगल लखनऊ, मुकेशानंद लखनऊ आदि कवियों ने अपनी रचनाओं से शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।