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भाजपा 30 नवम्बर को जलबोर्ड कार्यालय के सामने केजरीवाल के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रचंड विरोध प्रदर्शन करेगी : वीरेन्द्र सचदेवा

घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जाए दिल्ली भाजपा

नई दिल्ली : दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी एवं प्रदेश मंत्री बांसुरी स्वराज ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल पर दिल्ली जल बोर्ड में एसटीपी प्लांट के नाम पर किए गए घोटाले का आरोप लगाया और कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जलबोर्ड को लूट का अड्डा बना लिया है। संवाददाता सम्मेलन का संचालन प्रदेश प्रवक्ता  अमित तिवारी ने किया।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने एसटीपी प्लांट के नाम पर एक और घोटाले को अंजाम दिया है और इसमें एक बार फिर से हैदराबाद की कंपनी का नाम आया है।

 

उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से सवाल किया कि आखिर हैदराबाद की कंपनी से कौन से तार जुड़े हैं उसका उजागर करें नहीं तो भाजपा 30 नवम्बर को जलबोर्ड कार्यालय के सामने जलबोर्ड में किए गए घोटालों के लिए अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रचंड विरोध प्रदर्शन करेगी।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली जलबोर्ड में खुद ही भ्रष्टाचार कर आज केजरीवाल सरकार के मंत्री उन भ्रष्टाचारों का आरोप अपने अधिकारियों पर डाल रहे हैं। जानबूझकर एक ही कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए आई.एफ.एफ.एस. टेक्नोलॉजी को फिक्स किया गया कि इसी टेक्नोलॉजी के तहत काम हो और यह इसलिए क्योंकि जिस कंपनी को ठेका दिया गया उस कंपनी के पास अनुभव सिर्फ इसी टेक्नोलॉजी का है। जिस ताइवान कंपनी को काम दिया गया उसके पास 10 एमजीडी का ही अनुभव है जबकि जरुरत 100 एमजीडी से अधिक का था।

श्री सचदेवा ने कहा कि जिस कंपनी को यह काम दिया गया वह ऐसे सर्टिफिकेट पर दिया गया जो टेंडर के पात्रता को पूरा नहीं करता। 1300 करोड़ रुपये के ठेके को 1900 करोड़ रुपये तक लेकर जाया गया। यह पहला ऐसा टेंडर है जहां रेट कम करवाने की जगह बढ़ा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि टेंडर के नाम पर खुद अधिकारी ने लिखा है कि मंत्री बिना किसी से राय लिए ही खुद ही अप्रूवल दे दिया। आज जल बोर्ड में जो हुआ है ठीक वही कहानी शराब घोटाले में भी हुआ है। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त से सख्त सज़ा होनी चाहिए।

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि दिल्ली जल बोर्ड में हुए 1938 करोड़ के नए घोटाले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज और दिल्ली जल बोर्ड में विधायक सदस्य लिप्त हैं। इस घोटाले के तार दिल्ली के शराब घोटाले से जुड़ रहे हैं। जिन ठेकेदारों को जो कार्य दिए गए, वे दक्षिण भारत की शराब लॉबी द्वारा प्रायोजित हैं। उन्हें सारे नियम-कायदे ताक पर रखकर बिना किसी अनुभव के ही निलोठी, कोरोनेशन पिलर, पप्पनकलां, नरेला, रोहिणी, केशोपुर और नजफगढ़ में एसटीपी के अपग्रेडेशन के कार्य के ठेके दे दिए गए। इन कार्यों की अनुमानित लागत 1546 करोड़ रुपए थी। लेकिन बोर्ड ने यह टेंडर 1938 करोड़ रुपए में दे दिया। इस काम की मंजूरी दिल्ली जल बोर्ड की 1 जुलाई 2022 को हुई मीटिंग में दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री एवं दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष मनीष सिसोदिया द्वारा दी गई थी। इसलिये इसकी जिम्मेदारी या दोष अफसरों पर डालना बचकाना प्रयास है।

नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने संवाददाता सम्मेलन में आम आदमी पार्टी के नेताओं पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि दिल्ली जल बोर्ड में करोड़ों के इस घपले से पर्दा उठाने के बारे में उन्होंने उपराज्यपाल महोदय से 29 अगस्त 2022 को भेंट करके उन्हें एक पत्र सौंपा था। (पत्र की पीडीएफ संलग्न है)। उपराज्यपाल महोदय ने यह पत्र उचित कार्रवाई के लिए दिल्ली सरकार को भेज दिया था लेकिन दिल्ली की सरकार ने मेरी शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लिया और नजफगढ़ और केशोपुर में इसी तरह के दो कार्य ठेकेदारों को दे दिये।

हैरानी की बात यह है कि इन फर्मों के पास एनजीटी के मानकों के अनुसार आईएफएएस तकनीक नहीं है और न ही उन्होंने कभी किसी म्युनिसिपल एसटीपी में काम किया है अथवा उसका रखरखाव किया है। यह सब इसलिए किया गया कि ये फर्म दक्षिण भारत की उस शराब लॉबी से जुड़ी हुई हैं जिन्हें शराब घोटाले में भी लाभ पहुंचाया गया है। श्री बिधूड़ी ने उपराज्यपाल महोदय से मांग की है कि इस घोटाले की जांच सीबीआई से करवाई जाए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

सुश्री बांसुरी स्वराज ने कहा कि यमुना जी की सफाई के बहाने केजरीवाल ने एक और 500 करोड़ रुपये का घोटाले को अंजाम दे दिया है। 10 एस टी पी प्लांट को दो कैटेगरी में करके डिटेल्ड प्रोजेक्ट भी नहीं दिया गया। यह भी अजीब विडंबना है। अनुमानित लागत बढ़ाई गई और सबको एक तरह से ही रखा गया जबकि हकीकत यह है कि एक प्लांट को 100 फीसदी इंक्रीज होना था अन्य प्लांट में 52 फीसदी की जरूरत थी लेकिन उनके ऊपर भी 100 फीसदी ही इंक्रीज करने की बात कही गई।

सुश्री बांसुरी स्वराज ने कहा कि आम आदमी पार्टी के चुंनिंदा बिडर्स को टेंडर बिड के लिए बुलाया गया और 1 दिसंबर 2021 की मिटिंग में केजरीवाल सरकार के मंत्री ने खुद ही तय कर दिया कि सिर्फ आई.एफ.एफ.एस. टेक्नोलॉजी की बात कही गई। जबकि जो अवधि थी वह भी सिर्फ 11 महीनों की थी। उन्होंने कहा कि इसमें किक बैक की संभावना पूरी है तो इसकी सीबीआई से जांच होनी जरुरी है। यमुना के मलीनता का बहाना बनाकर केजरीवाल सरकार ने अपने एसटीपी प्लांट के कारनामे को अंजाम दिया है।

 

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