उत्तर-प्रदेशबड़ी खबरलखनऊ

हर घर तिरंगा अभियान  के अंतर्गत राष्ट्रीय कथक संस्थान ने दीं प्रस्तुतियाँ

[tta_listen_btn listen_text="खबर सुनें" pause_text="Pause" resume_text="Resume" replay_text="Replay" start_text="Start" stop_text="Stop"]
              चेरिश टाइम्स न्यूज़
          लखनऊ। हर घर तिरंगा अभियान स्वतंत्रता सप्ताह के अवसर पर राष्ट्रीय कथक संस्थान द्वारा होटल रनवीर, गोमतीनगर में कार्यक्रम आयोजित किया गया.

प्रथम प्रस्तुति ’’वन्देमातरम्‘‘ थी जिसमे दिखाया गया कि हिन्दू धर्म शास्त्रों में सावन माह का विशेष महत्व माना गया है अतः सावन माह के आराध्य देव भगवान षिव की अनुकंपा प्राप्त करने के लिए प्रस्तुति शिव आराधना के प्रथम चरण में आदिदेव महादेव भगवान शिव की स्तुति की गयी ।

भगवान शिव के सुन्दर विशाल अविनाषी स्वरूप एवं भावभंगिमाओं को कथक नृत्य की शास्त्रीयता-परिपक्वता के साथ अत्यन्त भक्तिमय रूप में प्रस्तुत किया गया ।
तत्पश्चात प्रस्तुति की अगली कड़ी ’’सरगम‘‘ में पारम्परिक बंदिश, घूंघट की चाल एवं तत्कार को बड़े ही सुरूचिपूर्वक ढ़ंग से प्रदर्षित किया जिसमें कथक के भाव एवं कला पक्ष का अन्यन्त सुन्दर सामंजस्य देखने को मिला। जैसा कि विदित है कि वर्षाकाल एवं भगवान कृष्ण का अटूट सम्बन्ध है अतः बारिश की नन्ही-नन्ही बूँदों के दृष्टिगत नुपुर की सुकोमल ध्वनि को आत्मसात करते हुए संगीत झंकार में प्रदर्शित किया गया ।

इसमें भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं एवं उनके स्वरूप पर आधारित पदम्विभूषण पं. बिरजू महाराज द्वारा रचित ’’श्रीकृष्ण निरतट थुंग-थंुगा‘‘ जिसमें वे गोपिकाओं और ग्वालों के साथ खेल-खेलतेे हैं,

रास रचातें हैं, वहीं महाभारत के युद्ध में वो गीता का उपदेश देतें हैं ऐसे मोरपंख धारी, 64 कलाओं से परिपूर्ण माने जाने वाले भगवान श्रीकृष्ण के मनमोहक रूप को कथक नृत्य में ढालते हुए प्रस्तुत किया गया ।

कार्यक्रम की अन्तिम कड़ी के अन्तर्गत आज़ादी की 75वीं वर्षगंाठ के उपलक्ष्य में आज़ादी का अमृत महोत्सव को मनाते हुए देष के वीर शहीदों को याद करते हुए देषभक्ति की भावना से ओत-प्रोत बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय जी द्वारा रचित राष्ट्रगीत ’’वन्देमातरम्‘‘ को कथक नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया ।

प्रस्तुति देने वाली छात्राओं में राष्ट्रीय कथक संस्थान – मोनिका, संजीवनी, अत्रांशी, जान्हवी, श्रेया थीं.
परिकल्पना एवं अवधारणा: सरिता श्रीवास्तव की तथा
प्रस्तुति: राष्ट्रीय कथक संस्थान की थी.

Related Articles

Back to top button