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आज जो कुछ हमें मिला है, उसके लिए कई पीढ़ियों ने अपना योगदान दिया है : संजय श्रीहर्ष

             चेरिश टाइम्स  न्यूज़
                 लखनऊ. हमारी युवा पीढ़ी हमें ही देखकर सीखती है, ऐसे में अभिभावकों का भी दायित्व है कि वे एक आदर्श नागरिक बनकर दिखाएं। वे ऐसा करेंगे तो उन्हें देखकर बच्चे भी उनका अनुसरण करेंगे और उनमें अच्छे संस्कारों का विकास होगा। सिर्फ अच्छी बातें करने से वे संस्कारयुक्त नहीं बनेंगे। जब हम अच्छे काम करेंगे, तभी हमारे बच्चे भी हमें देखकर सीखेंगे और देश के सुनहरे भविष्य में अपना योगदान दे सकेंगे। उक्त उद्गार मुख्य अतिथि सेना मेडल व विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित बिग्रेडियर पंकज सिन्हा ने आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम के 31वें अंक में व्यक्त किए।

यह कार्यक्रम सरस्वती कुंज, निराला नगर के प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र में विद्या भारती, एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति अवध, पूर्व सैनिक सेवा परिषद एवं विश्व संवाद केन्द्र अवध के संयुक्त अभियान में चल रहा है।
मुख्य अतिथि सेना मेडल व विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित बिग्रेडियर पंकज सिन्हा ने विद्या भारती द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विद्या भारती के स्कूलों में शिक्षा के साथ-साथ भारतीयता, राष्ट्रीयता और अध्यात्म पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है, इसी से बच्चों में चरित्र का निर्माण होता है।
विशिष्ट अतिथि केजीएमयू के चिकित्सक डॉ. अनूप वर्मा ने कहा कि किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए स्वच्छता जरूरी है।
मुख्य वक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल आदि शंकर मिश्रा ने कहा कि वीर सपूतों ने हमारे देश के लिए प्राण दिए, अपना जीवन समर्पित कर दिया, उनकी वीर गाथा देश के प्रत्येक नागरिक और छात्र के पास पहुंचे, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हम इस वर्ष को आज़ादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं।
कार्यक्रम अध्यक्ष अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के सह संगठन मंत्री शसंजय श्रीहर्ष ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अनेकों वीरों ने योगदान दिया और कई मातृभूमि के लिए बलिदान हो गए, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को तोड़-मरोड़ के पेश किया गया, जिससे देश के असली नायक भुला दिये गए । उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का उद्देश्य इतिहास में भुला दिए गए उन वीरों और उनकी वीर गाथाओं को जन जन तक पंहुचाना है, जिससे हमारा देश मृत्युंजय राष्ट्र बना रहे। उन्होंने आपको जो कुछ बनना है, उसके लिए लक्ष्य तय करिए, लेकिन सबसे पहले आपको भरतीय बनना होगा। हमारे देश में क्रांति से ज्यादा महत्व संक्राति का रहा है। आज जो कुछ हमें मिला है, उसके लिए कई पीढ़ियों ने अपना योगदान दिया है।
कार्यक्रम की प्रस्ताविकी व अतिथियों का परिचय विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालिका शिक्षा प्रमुख श्री उमाशंकर जी ने कराया। इतिहास संकलन समिति अवध प्रांत के सदस्य डा. गिरिजेश त्रिपाठी जी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख श्री सौरभ मिश्रा जी ने किया। इस अवसर बिग्रेडियर पंकज सिन्हा की पत्नी डॉ. कल्पना सिन्हा, कर्नल एस.बी. सिंह, डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विवि लखनऊ की आचार्या डॉ. अपर्णा जी, फ्लाइंग आफिसर विनोद कुमार सिंह, नायक कृष्ण कुमार समेत सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर क्यू, अलीगंज लखनऊ के छात्र-छात्राएं सहित कई लोग मौजूद रहे।

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