चेरिश टाइम्स न्यूज़
लखनऊ. रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी आफ डायबिटीज़ इन इंडिया उत्तर प्रदेश शाखा के तत्वावधान एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ महापौर संयुक्ता भाटिया द्वारा प्रातः 7 बजे छोटा इमामबाड़ा पर किया गया।
एक प्रदेश एक दिन 1000 पैरों की जांच
कार्यक्रम में प्रदेश के 100 स्थानों पर एक साथ डायबिटीज के लगभग 1000 मरीजों की पैरों की जांच की गई।
बतौर मुख्य अतिथि महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने कहा कि आपकी संस्था द्वारा किया गया यह अभिनव प्रयास अत्यंत प्रशंसनीय है।प्रदेश के 100 स्थानों पर एक साथ डायबिटीज के मरीजों की पैरों की जांच कर उन्हें सही सलाह देना बहुत ही सराहनीय कदम है।
आज भारत मे सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज पाए जाते है और आपके द्वारा किये जा रहे इन प्रयासों से मरीजों को बहुत लाभ मिलेगा।
प्रो अनुज माहेश्वरी ने डायबिटीज़ के मरीजों को नंगे पांव न चलने की हिदायत दी और धूम्र पान से बचने की सलाह दी।
प्रो नरसिंह वर्मा ने साल में एक बार पैरों की जांच कराने व शुगर के सख्त नियंत्रण की सलाह दी
संस्था के सचिव डा अजय तिवारी ने बताया की डायबिटिक फुट एक अत्यंत ही गंभीर परेशानी है जो नासूर या पैर कटने (एम्पुटेशन)तक पहुंच सकती है।
एक बहुत ही आसान जांच monofilament test के माध्यम से हम पैर की संवेदना जांच कर इससे संबंधित बचाव के उपाय मरीज को बता सकते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता आरएसएसडीआई उप्र चैप्टर के चैयरमैन इलेक्ट प्रो अनुज माहेश्वरी व प्रो नरसिंह वर्मा ट्रेजरर,आरएसएसडी आई उप्र चैप्टर ने की।