चेरिश टाइम्स न्यूज़
लखनऊ.प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने लोक भवन में आयोजित प्रेंस कॉन्फें्रस में कहा कि 100 दिवसीय कार्य योजना के अन्तर्गत गन्ना आपूर्तिकर्ता कृषकों को 8 हजार करोड़ के गन्ना मूल्य भुगतान का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष प्रदेश के गन्ना किसानों को रू.12,530 करोड़ का भुगतान किया गया, जो कि निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष लगभग 55 प्रतिशत से अधिक है। उन्हांेने कहा कि वर्तमान सरकार के मात्र पांच वर्षों के कार्यकाल में रिकॉर्ड रू.1,76,686 करोड से अधिक का भुगतान हुआ है, जो अब तक इतनी कम अवधि में किये गये भुगतान में सर्वाधिक है। इससे गन्ना किसानों की आय में वृद्धि हुयी है तथा गन्ना किसानों के जीवन में खुशहाली आई है। प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान कराया जाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के आर्थिक हितों के संवर्धन तथा सर्वागींण विकास के लिये कृत संकल्पित है।
श्री चौधरी ने कहा कि 100 दिन के एजेन्डे के तहत पेराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ना क्षेत्रफल के आंकलन हेतु गन्ना सर्वेक्षण नीति जारी करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे लक्ष्य के सापेक्ष तय समय से पूर्व ही जारी कर दिया गया। सर्वेक्षण नीति में सुचिता एवं शुद्धता के साथ-साथ समयबद्धता के साथ सर्वेक्षण कार्य पूर्ण करने पर फोकस रखा गया है। इससे गन्ना आपूर्ति की कार्य योजना सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। सर्वे कार्य में शुद्धता, पारदर्शिता और गन्ना किसानों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण एंव डिजिटलाईजेशन को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट गन्ना किसान प्रोजेक्ट के अन्तर्गत भ्ंदक भ्मसक ब्वउचनजमत क्मअपबम;भ्ण्भ्ण्ब्ण्द्ध के माध्यम से जी.पी.एस. सर्वे कार्य पूर्ण कराया गया।
गन्ना विकास मंत्री ने कहा कि प्रदेश के लगभग 45 लाख गन्ना आपूर्ति कृषकों को यूनिक ग्रोवर कोड (न्ळब्) विकसित कर आवंटित करने का लक्ष्य रखा गया था। प्रदेश के सभी गन्ना कृषकों कोयूनिक ग्रोवर कोड निर्धारित समयावधि में ही आवंटित कर दिया गया है। यू.जी.सी. कोड के आवंटन से गन्ने की फर्जी खरीद पर रोक लगेगी। बिचौलियों एवं गन्ना माफियाओं का सफाया होगा तथा वास्तविक किसानों को समय से गन्ना आपूर्ति का लाभ मिलेगा। गन्ना किसानों की पहचान अब आधार नंबर की तर्ज पर 14 डिजिट के यूनिक कोड के जरिए होगी। यदि कोई किसान डबल बांड बनवाने की कोशिश करेगा तो उसे आसानी से चिन्हित किया जा सकेगा। यू.जी.सी. कोड जारी होने से गन्ना कृषकों की ंदर्ज कृषि भूमि का मिलान राजस्व विभाग के अभिलेखों से किया जाना आसान होगा।
श्री चौधरी ने कहा कि कृषकों की उत्पादन लागत में कमी लाने एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु लगभग 1 लाख हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल में तरल नैनों यूरिया के छिड़काव का लक्ष्य रखा गया था। लक्ष्य के सापेक्ष 1 लाख 10 हजार हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल में तरल नैनों यूरिया का छिड़काव कराया गया, जो लक्ष्य के सापेक्ष 110 प्रतिशत है।
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