उत्तर-प्रदेशबड़ी खबरलखनऊ

अत्याधुनिक “टावी विधि” से सर्वाधिक सफल ऑपरेशन करने वाला अस्पताल बना सहारा हॉस्पिटल

                   चेरिश टाइम्स न्यूज़
                        लखनऊ : राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस के अवसर पर सहारा हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग द्वारा एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें “टावी विधि” से सफल इलाज पाकर ठीक हुई मरीज के द्वारा केक काटा गया और डॉक्टर को धन्यवाद दिया गया। इस अवसर पर डॉक्टर ने मरीज को जहाँ सफल सर्जरी के लिए बधाई दी वहीं मरीज ने डॉक्टर के लिए कृतज्ञता व्यक्त की।
ज्ञात हो कि “टावी विधि” एक जटिल ऑपरेशन होता है जिसे सहारा हॉस्पिटल के डॉ. गौतम स्वरूप ने सर्वाधिक बार करके सहारा हॉस्पिटल को एक नयी ऊंचाई दी है। इस अवसर पर सहारा हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ.मजहर हुसैन, सभी वरिष्ठ कार्डियोलोजिस्ट, सीनियर डॉक्टर , मेडिकल सुपरिटेंडेंट सहित समस्त सहायक टीम भी उपस्थित थी। राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस पर सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंह ने डिजिटल माध्यम से सबको नेशनल डॉक्टर्स दिवस की शुभकामनाएं दी।
मरीज की सर्जरी के बारे में डॉ. गौतम स्वरूप ने बताया की एक 68 वर्षीय माताजी जो कि देवरिया जिले की रहने वाली हैं, को पेट की कुछ दिक्कतें थीं। उनकी शुरुआती जांच और साथ में अन्य जांच से पता चला कि उनके हृदय का मुख्य वॉल्व जिसको एरोटिक वॉल्व कहते हैं में सिकुड़न थी। इस बिमारी को एयरोटिक्स स्टेनोसिस कहते हैं। इसके लिए उन्होंने कई चिकित्सकों से सम्पर्क किया तो उन्हें डॉक्टर ने ओपन हार्ट सर्जरी का विकल्प दिया, परंतु उम्र अधिक होने की वजह से उनके परिजन ओपन हार्ट सर्जरी से वॉल्व बदलवाना नहीं चाहते थे।
इसके बाद उन्होंने सहारा हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर गौतम स्वरूप से सम्पर्क किया, जंहा उन्हें एक नय विधि से वॉल्व बदलने की जानकारी दी गयी, जिसे “टावी विधि” कहते हैं। इस विधि में बिना चीरा लगाए , बिना बेहोश किये सफल सर्जरी की जाती है जिसमे मुश्किल से आधे घंटे से एक घंटे का वक़्त लगता है।
कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर गौतम स्वरूप ने जानकारी दी कि मरीज महिला के पैर की मुख्य धमनी से, बिना किसी बेहोशी के, केवल तार डालकर मुख्य वॉल्व को बदल दिया गया और यह बिना ओपन हार्ट सर्जरी के सम्भव हुआ। यह सहारा हॉस्पिटल का छठां एवं उत्तर प्रदेश के किसी भी प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा की जाने वाली सर्वाधिक सफल सर्जरी है।
डॉक्टर स्वरूप ने बताया की “टावी विधि” अधिक उम्र के मरीज या वह मरीज जिनकी हृदय की पम्प करने की क्षमता कम है, के लिए काफी सुरक्षित प्रक्रिया है। “टावी विधि” के द्वारा इलाज के अगले ही दिन मरीज चलने फिरने लगता है और दूसरे ही दिन उसकी छुट्टी कर दी जाती है। उन्होंने टावी प्रक्रिया के फायदे गिनाते हुए बताया कि यह एक सरल प्रक्रिया है, त्वरित लाभ एवं रिकवरी होती है, कोई ओपन हार्ट सर्जरी नहीं, छाती में कोई निशान नहीं पड़ता, कोई बेहोशी नहीं और बुजुर्ग मरीजों के लिए कम जोखिम है।
सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंहजी ने बताया कि हमारे अभिभावक सहाराश्रीजी ने जनमानस की सुविधा हेतु विश्वस्तरीय हास्पिटल निर्मित किया है जहां नित नयी विधियों का प्रयोग कर मरीजों को निरंतर लाभान्वित किया जा रहा है। इसी कड़ी में “टावी विधि” द्वारा सफल सर्जरी एक और सफल प्रयास है जिसके लिए हॉस्पिटल की समस्त टीम प्रशंसा की पात्र है।

Cherish Times

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button