योगी के संकल्प से बदली बेसिक शिक्षा की दशा और दिशा
- प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास और जल्द रिमोट लर्निंग सिस्टम से होगी पढ़ाई
- परिषदीय स्कूलों में बच्चों का एडमिशन बढ़ाने पर मुख्यमंत्री का जोर
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बेसिक शिक्षा में आमूल चूल परिवर्तन की मुहिम रंग ला रही है। पिछले पांच सालों में मुख्यमंत्री के संकल्प से प्राथमिक विद्यालयों की न सिर्फ दशा और दिशा बदली है, बल्कि स्कूलों में संसाधनों और सुविधाओं में भी इजाफा हुआ है। इसी कारण प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। अब बच्चों को शुरुआत में ही तकनीक से जोड़ने के लिए स्कूलों में स्मार्ट क्लास होंगे और रिमोट लर्निंग सिस्टम से पढ़ाई होगी।
मुख्यमंत्री योगी ने बेसिक शिक्षा के महत्व को देखते हुए वित्त वर्ष 2016-17 में 55 हजार 176 हजार करोड़ से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2021-22 में 63 हजार 455 तक पहुंचाया है। इसके अलावा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से एक लाख 22 हजार 054 शिक्षकों की भर्ती की है। 2019 में मिशन प्रेरणा के रूप में लर्निंग आउटकम आधारित शिक्षण प्रक्रिया को अपनाया गया है और सभी स्कूलों में शिक्षण के लिए एनसीईआरटी गणित किट उपलब्ध कराई गई है।
योगी-2 में अब मुख्यमंत्री योगी का शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर है। इसीलिए वह खुद प्राइमरी स्कूलों में जाकर शिक्षा की गुणवत्ता परख रहे हैं। योगी ने चार अप्रैल को श्रावस्ती जिले में शैक्षिक सत्र 2022-23 में परिषदीय स्कूलों में बच्चों का नामांकन बढ़ाने के उद्देश्य से स्कूल चलो अभियान की शुरूआत की। प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को तकनीकी से जोड़ने के लिए डिजिटल शिक्षा पर भी फोकस किया जा रहा है। साथ ही स्कूलों में स्मार्ट क्लास और रिमोट लर्निंग सिस्टम से भी पढ़ाई कराने पर विचार किया जा रहा है। ताकि शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित न हो और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी कांवेंट स्कूलों के बच्चों को टक्कर दे सकें।
पहले कार्यकाल में कायाकल्प से बदली प्राथमिक स्कूलों की तस्वीर
बेसिक शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आपरेशन कायाकल्प के तहत अंतर विभागीय समन्वय से मूलभूत सुविधाओं और संसाधनों से सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदली है। बेसिक शिक्षा में विभिन्न विभागों से समन्वय करते हुए करीब 1600 करोड़ रुपये के कार्य कराए गए हैं। पंचायती राज विभाग के 15वें वित्त आयोग और पंचम राज्य वित्त आयोग की धनराशि, नगर विकास और विनियोजित क्षेत्र के कार्पस फंड से सम्बंधित क्षेत्रों के विद्यालयों का सुदृढीकरण कराया गया है। मनरेगा और ग्राम निधि के समन्वय से बाउंड्रीवाल और समतलीकरण का कार्य कराया गया है। इसके अलावा जिला खनिज निधि, विधायक निधि और सीएसआर फंड का भी उपयोग किया गया है।