दुनियाबड़ी खबर

UNHRC में रूस के खिलाफ जांच वाले प्रस्‍ताव पर वोटिंग, भारत ने बनाई दूरी, 32 वोट के साथ हुआ पास

भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में उस मतदान में हिस्सा नहीं लिया, जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के परिणामस्वरूप तत्काल एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग स्थापित करने का निर्णय लिया गया. संयुक्‍त राष्‍ट्र की 47 सदस्यीय इस परिषद में यूक्रेन में मानवाधिकारों की स्थिति पर एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान हुआ. प्रस्ताव पारित कर दिया गया. प्रस्ताव के पक्ष में 32 वोट पड़े जबकि दो वोट (रूस और इरित्रिया) इसके खिलाफ पड़े, वहीं भारत, चीन, पाकिस्तान, सूडान और वेनेजुएला सहित 13 देशों ने इस मतदान में हिस्सा नहीं लिया.

प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने वाले देशों में फ्रांस, जर्मनी, जापान, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं. परिषद ने ट्वीट किया, यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई के परिणामस्वरूप मानवाधिकार परिषद ने तत्काल एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग गठित करने का निर्णय लिया है. भारत ने पिछले एक सप्ताह के दौरान 15 देशों की सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर दो प्रस्तावों और 193 सदस्यीय महासभा में एक प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया है.

193 सदस्यीय महासभा ने बुधवार को यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करने के लिए मतदान किया और यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की ”कड़े शब्दों में निंदा” की. इसमें मांग की गई कि मास्को ‘पूरी तरह से और बिना शर्त’ यूक्रेन के क्षेत्र से अपने सभी सैन्य बलों को वापस हटा ले. भारत ने प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया, जिसके पक्ष में 141 मत पड़े जबकि पांच वोट इसके खिलाफ डाले गये और कुल 35 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.

भारत को मनाने के ल‍िए अमेर‍िका कर रहा प्रयास

अमेरिका के शीर्ष राजनयिक डोनाल्ड लू ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत को अन्य देशों के साथ वोट करने के लिए मनाने के लिए अमेरिका काम कर रहा है, लेकिन अब तक विफल रहे हैं. उन्‍होंने, हमने पिछले कुछ दिनों में एक दिलचस्प डेपलेपमेंट देखा है कि संयुक्त राष्ट्र में भारत ने सभी राज्यों से अन्य राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर का पालन करने का आह्वान किया. हालांकि ये रूस की आलोचना नहीं थी, बल्कि रूस के संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उल्लंघन और यूक्रेन की संप्रभुता के उल्लंघन का एक बहुत स्पष्ट संदर्भ था.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button