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पहला गुरु श्रेष्ठ अवार्ड -2025 डीयू प्रोफेसर हंसराज सुमन को मिला 

नई दिल्ली : सोक्रेट्स सोशल रिसर्च यूनिवर्सिटी के तत्वावधान में शिक्षा, साहित्य, फ़िल्म, पत्रकारिता, समाजसेवा, अभिनय व शोध के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को कंसिट्यूशन क्लब , नई दिल्ली में ऑनरेरी डॉक्टरेट की डिग्री का कार्यक्रम रखा गया । यूनिवर्सिटी ने इंटरनेशनल ह्यूमन सोलिडेरिटी अवार्ड – 2025 के अंतर्गत बेहतर अध्यापकीय योगदान के लिए इस वर्ष का गुरु श्रेष्ठ अवार्ड –2025 दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री अरबिंदो कॉलेज में प्रोफेसर हंसराज सुमन को दिया गया। संस्था के चेयरमैन डॉ. के.योगेश , डीयू में प्रो. निरंजन कुमार , सेवानिवृत्त जज श्री राजेश टंडन , प्रो. जय गोपाल शर्मा , प्रो. मनोज कुमार कैन , डॉ. नमिता जैन व डॉ. राम कुमार पालीवाल ने उन्हें पटका , स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्हें यह सम्मान शिक्षा व पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण कार्य करने पर दिया गया। बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रो.सुमन एक महत्त्वपूर्ण नाम है। ये पिछले तीन दशकों से अधिक पत्रकारिता व अध्यापन कार्य कर रहे हैं। इनके द्वारा आधुनिक पत्रकारिता पर लिखी गई पुस्तक — हिन्दी पत्रकारिता : प्रौद्योगिकी परिवर्तन का प्रभाव , हाल ही में प्रकाशित हुई है । यह पुस्तक वर्तमान न्यू मीडिया पर आधारित है। प्रो.हंसराज सुमन ने गुरु श्रेष्ठ अवार्ड मिलने पर सोक्रेट्स सोशल रिसर्च यूनिवर्सिटी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि इस तरह के सम्मान से पत्रकारों और अध्यापन से जुड़े व्यक्तियों को बेहतर कार्य करने का प्रोत्साहन मिलेगा। इससे भारतीय मीडिया की वैश्विक पहचान बनेगी।

यूनिवर्सिटी की गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन डॉ.के. योगेश ने बताया कि यह सम्मान प्रति वर्ष पत्रकारिता, समाजसेवा, फिल्म, अभिनय, साहित्य व शोध कार्य करने वालों को दिया जाता है। यह यूनिवर्सिटी अत्यंत पिछड़े, दलित समुदाय के संविधान प्रदत्त अधिकारों को दिलाने तथा राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है तथा इस क्षेत्र में कार्य करने वालों को समय- समय पर पुरस्कृत कर प्रोत्साहित भी करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में पूरी तरह उपेक्षित कर दिए गए समाज को मुख्यधारा से जोड़ना बहुत जरूरी है। प्रो.हंसराज सुमन ऐसे समाज के बीच जाकर उन्हें संविधान प्रदत्त अधिकारों से अवगत कराते रहे हैं तथा शिक्षा के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते रहे हैं। उच्च शिक्षा में वंचित वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व दिलाना व उनके द्वारा सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने के लिए ही यह अवार्ड दिया गया है । बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के सच्चे अनुयायी के रूप में प्रो.हंसराज सुमन ने बाबा साहेब के पद चिह्नों पर चलते हुए दलित और पिछड़े समाज के बीच जागरूकता के लिए बहुत काम किया है। इसीलिए यूनिवर्सिटी ने उनके महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यों को देखते हुए इंटरनेशनल ह्यूमन सोलिडेरिटी अवार्ड के तहत – गुरु श्रेष्ठ अवार्ड -2025 प्रोफेसर हंसराज सुमन को देने का निर्णय लिया है। यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई ज्यूरी ने इनके नाम को प्रस्तावित किया था। संस्था ऐसे व्यक्ति को सम्मानित कर अपने को गौरवान्वित अनुभव करती है ।

प्रो. हंसराज सुमन दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध श्री अरबिंदो कॉलेज के हिन्दी विभाग में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं व विभागाध्यक्ष भी है । ये विभिन्न विश्वविद्यालयों में मीडिया अध्यापन, पाठ्यक्रम का निर्माण व सेमिनार में पत्रकारिता की वर्तमान स्थिति पर अपना पक्ष रखते हैं। प्रो. सुमन फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ( शिक्षक संगठन ) के चेयरमैन व ऑल इंडिया यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजिज एससी/एसटी, ओबीसी टीचर्स एसोसिएशन के भी नेशनल चेयरमैन है, डीयू एससी/एसटी टीचर्स फोरम के महासचिव भी हैं। ये पाँच वर्ष तक नॉन कॉलेजिएट सेंटर के प्रभारी भी रहे हैं । प्रो.सुमन वर्ष-2015—2017 और 2017—2019 तक दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था एकेडेमिक काउंसिल के सदस्य भी रह चुके हैं। प्रो. सुमन दिल्ली विश्वविद्यालय की अनेक कमेटियों में रहकर अपने दायित्व का पूर्णतः निर्वाह करते रहे हैं। एडमिशन कमेटी, अपॉइंटमेंट्स और प्रमोशन कमेटी, मेडिकल कमेटी, फंक्शन कमेटी, सलेब्स कमेटी के अलावा प्रो. सुमन डीयू की टास्क फोर्स कमेटी के भी सदस्य रहे हैं। प्रो. सुमन को राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक सम्मान व अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इन्हें दिल्ली सरकार का सर्वोच्च सम्मान डॉक्टर अम्बेडकर अवार्ड -2015 दिया जा चुका है। डॉ.राधा कृष्णन अवार्ड, डॉ.अम्बेडकर फेलोशिप , अटल बिहारी गौरव सम्मान , योगेश गुप्त साहित्य रत्न अवार्ड, संत रविदास सम्मान, संत कबीर सम्मान के अलावा लगभग 100 संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। शिक्षण के क्षेत्र में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाते हुए प्रो. सुमन ने 10 पुस्तकों का सम्पादन किया है तथा राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनके 110 से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं। साथ ही प्रो. सुमन ने न्यू मीडिया विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी पत्रकारिता पर प्रौद्योगिकी परिवर्तन का प्रभाव विषय पर पीएचडी की है।

प्रो. हंसराज सुमन ने गुरु श्रेष्ठ अवार्ड -2025 मिलने पर यूनिवर्सिटी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि इस तरह के सम्मान से पत्रकारों और अध्यापन से जुड़े व्यक्तियों को बेहतर कार्य करने का प्रोत्साहन मिलेगा। इससे भारतीय मीडिया की वैश्विक पहचान बनेगी। आज का समय चुनौतियों भरा है, आज दलित और पिछड़े समाज को मुख्यधारा में लाकर ही इस समाज का सर्वांगीण विकास किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि भारत का पिछड़ा और दलित समाज बाबा साहेब डॉ.अम्बेडकर के विचारों पर चलते हुए ही आगे बढ़ सकता है। सन 90 के दशक के बाद दलितों की स्थिति में आर्थिक और शैक्षणिक रूप से सुधार हुआ है। राजनैतिक रूप से इनमें सक्रियता भी बढ़ी है। लेकिन संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रति जागरूकता का अभाव रहा है। उन्होंने बताया कि अब स्थितियाँ काफी बदल गई हैं। दलितों के प्रति लोगों के दृष्टिकोण तथा व्यवहार में परिवर्तन आया है। दलितों पर होने वाले अत्याचार और शोषण में कमी आई है। शहरी क्षेत्रों में दलितों के प्रति अछूत की भावना बहुत कम हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं-कहीं अभी भी छुआछूत और शोषण देखने को मिलता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी उनका संगठन दलितों के बीच जागरूकता का अभियान चलाए हुए है । उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दलित , पिछड़े वर्गों की भागीदारी निरंतर बढ़ रही है ।

 

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