सतत विकास लक्ष्यों की दिशा पूर्ति हेतु में सशक्त कदम, लखनऊ में ‘पंचायत एडवॉसमेंट इंडेक्स’ पर राज्य स्तरीय कार्यशाला हुई संपन्न

लखनऊ : पंचायती राज विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा आज पंचायतीराज निदेशालय, लोहिया भवन, अलीगंज, लखनऊ में “पंचायत एडवॉसमेंट इंडेक्स संस्करण 01 व 02 के प्रसार और संशोधित सूचकों पर ग्राम पंचायतों की प्रगति पर विचार-विमर्श हेतु एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया।
कार्यशाला की अध्यक्षता पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर के द्वारा की गई। इस अवसर पर प्रमुख सचिव पंचायती राज विभाग अनिल कुमार , निदेशक पंचायती राज विभाग अमित कुमार सिंह एंव अन्य विभागीय अधिकारियों, विभिन्न मण्डलों के परियोजना प्रबंधकों, PAI में उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों के प्रधान एवं सचिवों सहित लगभग 200 प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों (LSDGs) की 09 थीम के स्थानीयकरण की दिशा में पंचायतों की भूमिका को सशक्त बनाना एवं गुणवत्तायुक्त बेसलाइन डेटा के आधार पर ग्राम पंचायतों के प्रदर्शन का आंकलन सुनिश्चित करना था। कार्यशाला के दौरान PAI संस्करण-01 व 02 में उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को सम्मानित भी किया गया।
आज की इस राज्य स्तरीय कार्यशाला में पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स के अन्तर्गत सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को सम्मानित किया गया। जिसमें लखनऊ के विकासखंड बक्शी का तालाब की धनौरी, बीबीपुर एवं सरौरा ग्राम पंचायतों के साथ-साथ जनपद मुरादाबाद की मिलक अमावती तथा बरेली की भरतौल ग्राम पंचायत को उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
इस आयोजन में विभागीय विशेषज्ञों द्वारा पंचायत विकास सूचकों (LSDGs) के थीमवार स्कोरकार्ड तथा पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स (PAI) के महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई। वक्ताओं ने बताया कि इस सूचकांक के माध्यम से ग्राम पंचायतों की प्रगति को मापने, उनकी विकास यात्रा का मूल्यांकन करने और नीति निर्माण के लिए सटीक दिशा तय करने में सहायता मिलेगी।
पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि पंचायत एडवॉसमेंट इंडेक्स हमारे ग्राम पंचायतों की कार्यप्रणाली और विकास क्षमता का दर्पण है। इसके माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर पंचायत सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में ठोस और मापनीय प्रगति करे। ग्राम पंचायतों को अब यह अधिकार दिया जा रहा है कि वे अपने बेहतर प्रदर्शन के आधार पर स्वयं अपना सूचकांक तैयार करें और प्रदेश स्तर पर पुरस्कृत होने का अवसर प्राप्त करें। सरकार का लक्ष्य है कि शहरों में उपलब्ध सुविधाएँ अब गाँवों तक भी पहुंचें, ताकि ग्रामीण क्षेत्र भी समान रूप से विकास और सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ सकें।
प्रमुख सचिव पंचायती राज विभाग अनिल कुमार ने कहा कि PAI 2.0 जैसे उपकरण पंचायतों को पारदर्शी, जवाबदेह और परिणामोन्मुख शासन के लिए सक्षम बना रहे हैं। गुणवत्तापूर्ण डेटा और प्रदर्शन आधारित मूल्यांकन से ग्राम पंचायतें अपनी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से तय कर पा रही हैं। विभाग का लक्ष्य है कि सभी पंचायतें डेटा-आधारित योजना निर्माण की दिशा में अग्रसर हों।
निदेशक, पंचायती राज विभाग अमित कुमार सिंह ने कहा कि पंचायत एडवॉसमेंट इंडेक्स (PAI) ग्रामीण विकास की दिशा में एक अभिनव पहल है। यह न केवल पंचायतों की प्रगति को मापने का साधन है, बल्कि उनके बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को भी प्रोत्साहित करता है। PAI के माध्यम से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि किन क्षेत्रों में और सुधार की आवश्यकता है ताकि विकास का लाभ हर गांव तक समान रूप से पहुँचे।इस अवसर पर संयुक्त निदेशक,सभी उप-निदेशक एवं जनपदों से आए जिला पंचायत राज अधिकारी उपस्थित रहेl



