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प्राइवेट मुंशियों के हवाले खजनी तहसील

तहसील में सरकारी आदेशों की उड़ रही है धज्जियाँ

गोरखपुर। खजनी तहसील जहाँ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट आदेश जारी किया है कि किसी भी सरकारी विभाग में प्राइवेट कर्मचारियों की नियुक्ति न की जाए, वहीं गोरखपुर की ख़जनी तहसील में यह आदेश मज़ाक बन कर रह गया है। तहसील के लगभग हर महत्वपूर्ण विभाग, खासकर कार्यालय से लेकर रिकॉर्ड रूम तक, प्राइवेट मुंशियों के हवाले है। इन मुंशियों का इतना दबदबा है कि मूल सरकारी कर्मियों को भी इनके सामने बेबस देखा जा सकता है।

चौंकाने वाली बात यह है कि इन प्राइवेट लोगों को अत्यंत गोपनीय दस्तावेजों और संवेदनशील सूचनाओं तक पहुँच प्राप्त है, जो सीधे तौर पर प्रशासनिक सुरक्षा और पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। सूत्रों के मुताबिक, कई मामलों में ये मुंशी पैसे लेकर फाइलों की ‘तेजी’ और ‘धीमी गति’ तय करते हैं।
मुख्यमंत्री के आदेशों,को दरकिनार कर, यह गैरकानूनी प्रथा तहसील स्तर पर भ्रष्टाचार औरभाई-भतीजावाद को बढ़ावा दे रही है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस अनिमियता पर कब सख्त कार्रवाई करता है। सूत्रों की माने खजनी तहसील के 40 से 50 प्राइवेट मुंशी है।

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