शान ए अवध की शाम ग़ज़लों के नाम
होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज़ है...
लखनऊ। एकता सेवा समिति के तत्वावधान में शान ए अवध गजल संध्या का आयोजन उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की वाल्मीकि रंगशाला में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के सहयोग से किया गया। मुख्य अतिथि लोक विशेषज्ञ मुनालश्री विक्रम बिष्ट, कला समीक्षक एवं छायानट के पूर्व सम्पादक एस. के. गोपाल ने गजल गायक रविंद्र कुमार, प्रदीप अली, ऋचा जोशी, सुमन रावत, हेमचंद पालीवाल आदि को अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सुप्रसिद्ध गजल गायक रविंद्र कुमार ने अपनी ग़ज़ल- यह सजा पाई दिल लगाने की से किया। इसके बाद जिंदगी जब भी तेरे नजम में, गुल से बुलबुल थी, फिर छिड़ी रात फूलों की, आज चांदनी थी मेरी तरह, पत्थर के जिगर वालों, जरा सी खाक हूं इस बात पर जैसे तमाम गजलों से शान ए अवध की महफ़िल सजाई। संगत कलाकारों में तबले पर हेमचंद पालीवाल, हारमोनियम पर गुलाम आसिम खान, सारंगी पर जीशान खान ने अपने साज़ से गजलों में चार चांद लगाया। यशभारती सम्मानित ऋचा जोशी के संयोजन व निर्देशन में दस दिन की ग़ज़ल प्रशिक्षण कार्यशाला के उपरान्त गजलें प्रस्तुत की गयीं। यह दौलत भी ले लो यह शोहरत भी ले लो, होश वालों को खबर क्या, माना कि हम यार नहीं आदि गजलों में देवश्री पवार, आशुतोष नौटियाल, ओम प्रकाश राव, एकता श्रीवास्तव आदि ने अपनी आवाज दी। कार्यक्रम का संचालन डा. मानसी बिष्ट ने किया। संस्था की अध्यक्ष एकता श्रीवास्तव ने सभी का स्वागत किया। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध नाखूनी चित्रकार रजनीश डोबरियाल, इंजी. विकास अवस्थी, समाजसेवी हेमा डोबरियाल सहित अन्य उपस्थित रहे।