उत्तर-प्रदेशनई दिल्लीबड़ी खबरलखनऊ

अब की बार नरेंद्रावतार!

खतरा! खतरा! खतरा!

राजेंद्र शर्मा के दो लघु व्यंग्य

अब की बार नरेंद्रावतार!

हम तो पहले ही कह रहे थे कि अब और इंतजार क्यों करना? नरेंद्र मोदी जी को अवतार घोषित कर देना चाहिए। सच तो यह है कि जब मोदी जी ने उंगली पकड़ाकर, राम लला को अयोध्या में उनके घर पहुंचा दिया, उसके बाद भी उन्हें अवतार घोषित नहीं करना तो बाकायदा उल्टा भी पडऩे लगा था। विरोधियों की तो छोड़ ही दो, पर खुद को रामभक्त कहने वालों ने भी पूछना शुरू कर दिया था कि मोदी जी होते कौन हैं, राम को लाने वाले। राजा-महाराजा होने तक तो चलो मान भी लिया जाए, पर मोदी जी क्या भगवान राम से भी ऊपर हो जाएंगे, जो राम को लाएंगे या राम उनके लाए ही आएंगे? सच पूछिए तो मोदी जी ने तो तभी इशारा भी किया था। अयोध्या में मंदिर के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने तो बाकायदा एक नये युग की शुरूआत का एलान भी कर दिया था। नया युग याने नये अवतार की वेकेंसी क्रिएट हुई कि नहीं? समझदार के लिए इशारा साफ था। पर रामभक्तों की भीड़ देखकर, मोदीभक्त खामखां में डर गए। उस दिन अयोध्या में न जाने किस-किस का एलान हुआ, एक नरेंद्रावतार का ही एलान करने से चूक गए। पर अब और नहीं! मोदी जी के लिए, अवतार से कमतर ट्रीटमेंट और मंजूर नहीं।

खैर! सिर्फ मोदी जी के ट्रीटमेंट की ही बात होती, मोदी जी तब तो बर्दाश्त भी कर लेते। पर जब बीच चुनाव रामभक्तों ने काम निकल जाने पर अंगूठा दिखाना शुरू कर दिया और पब्लिक ने बेरोजगारी का राग सुनाना और आटे-दाल का भाव बताना शुरू कर दिया, मोदी जी समझ गए कि अब अपना अवतारी रूप दिखाए बिना भारत माता का कल्याण नहीं होगा। सो सब संकोच-लिहाज छोड़कर, खुद अपने मुंह से ही एलान कर दिया — पहले मुझे भी लगता था कि मैं बाइलॉजीकल हूं ; मुझे भी एक मां ने ही इस धरती पर लाया है। पर अब मुझे क्लीअर हो गया है कि मैं बाइलॉजी से ऊपर हूं — मुझे तो ईश्वर ने खास काम के लिए डेपूटेशन पर पठाया है। ईश्वर का डेपुटेशन बोले तो, अवतार, और क्या!

और नरेंद्रावतार सामने आते ही सारे प्रश्नों के उत्तर खुद ब खुद मिल गए। खासतौर पर इस प्रश्न का जवाब कि जब अगले साल मोदी पचहत्तर साल के हो जाएंगे, तो आडवानी जी वाले नियम के अनुसार मार्गदर्शक मंडल में चले जाएंगे या पीएम की कुर्सी पर हुए तो, एक्सटेंशन पा जाएंगे! एक्सटेंशन पा भी जाएंगे, तो कितना? क्या 2029 के आगे भी? फिर 2047 की प्लानिंग कैसे? और अब तो जो एक हजार साल यानी 3024 तक की प्लानिंग हो रखी है, वह कैसे? सिंपल है, मोदी जी अवतार हैं। अवतार का न आदि होता है न अंत। जो पैदा ही नहीं हुआ, वह जरा-मरण सब से ऊपर होगा या नहीं? फिर 2025 हो या 2029 या 2047 या 3024, सिर्फ संख्याएं हैं। ये संख्याएं काल की गणना हैं, तो सिर्फ दुनियावी प्राणियों के लिए हैं, जो नश्वर होते हैं, जन्म-मरण के बंधनों में बंधे हुए। मोदी जी ने तो खुद बताया है कि वह काशी के अविनाशी हैं ; जो अविनाशी है, उसके लिए क्या 75 और क्या 100 और क्या 1100! राम, कृष्ण हजारों वर्षों से बने हुए हैं या नहीं? मोदी जी भी रहती दुनिया तक रहेंगे, पीएम का पद ही कुछ और कहलाने लगे, तो बात दूसरी है।

मोदी जी ने अब तो नरेंद्रावतार भी ले लिया, भक्तो क्या तुम तीसरी बार अपने भगवान को नहीं लाओगे? वोट का चढ़ावा नहीं चढ़ाओगे, तो सेवा का पुण्य अपने खाते में कैसे जमा कराओगे!

 खतरा! खतरा! खतरा!

अब बाद में कोई शिकायत मत करना। मोदी जी ने पहले ही चेता दिया है। पूरे देश को चेता दिया है। बार-बार चेता दिया है। देश भर में घूम-घूम कर चेता दिया है। अपने दिमाग की खिड़की-दरवाजे सब अच्छी तरह से बंद कर के रखो ; चिटकनी, सांकल चढ़ा के रखो ; नहीं तो इंडिया वाले आ जाएंगे। सब कुछ लूट ले जाएंगे इंडिया वाले, अगर आ गए!

देखिए, देखिए, इस मामले में लापरवाही बरतना ठीक नहीं है। खतरे को पहचानिए। बस इतना ही तो करना है कि इंडिया वाले नहीं आने पाएं। दरवाजे पर ही रह जाएं, बल्कि सड़क पर, मोहल्ले के गेट पर, गांव-शहर के बाहर, बल्कि देश के बाहर। जी हां! देश के बाहर भेज देना ही सही रहेगा, वर्ना मोदी जी किस-किस को जेल में डालेंगे! इस गलतफहमी में मत रहिएगा कि आ जाने दो, उन्हें भी देख लेंगे। आप नहीं देख पाएंगे। वे मोदी जी जैसे नहीं हैं— बड़े सोच वाले! मोदी जी हजार साल की सोच लेकर चल रहे हैं। इंडिया वाले इसी पल में जीते हैं, बल्कि ये तो उसे भी बांटकर अपने वोट बैंक को दे देंगे। ये आपकी माताओं-बहनों के मंगलसूत्र चुरा लेेंगे और अपने जेहादी वोट बैंक को दे देंगे। ये आपके घर का गहना-जेवर जब्त कर लेेंगे और उसे ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों में बांट देंगे। घर की दीवारों में, बाजरे के कनस्तर में छुपाकर रखे रुपए, एक्स रे कर के निकालेंंगे और घुसपैठियों में बांट देंगे। जमीन छीन लेंगे और बांट देंगे। दो घर हुए, तो एक घर ले लेंगेे और बांट देंगे। दो भैंस होंगी, तो एक ले जाएंगे। एक घर हुआ तो, उसके आधे कमरे बांट देंगे। पांच किलो मुफ्त अनाज में से आधा चुरा लेंगे। उज्ज्वला के सिलेंडर में से गैस चुरा लेंगे। घर में पानी के नल की टोंटी चुरा लेेंगे। इज्जतघर से पानी का लोटा चुरा लेेंगे। और तो और घर की चाभी ही चुरा लेंगे। स्कूटी की सीट चुरा लेंगे। कलम में से स्याही, दवा-दारू में से दवाई, आयुष्मान योजना में से आयु चुरा लेंगे। और भी बहुत कुछ खतरे में है। राम मंदिर भी, जय श्रीराम भी। इसीलिए, मोदी जी तो पहले ही कह रहे हैं — बच के रहना रे बाबा, बच के रहना रे। बचा के रखना रे, मुझे इंडिया वालों की बुरी नजर से।

(व्यंग्यकार वरिष्ठ पत्रकार और ‘लोकलहर’ के संपादक हैं।)

Cherish Times

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button