लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी का पूर्वायोजन संपन्न
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इंदौर : देवी अहिल्याबाई की त्रिशताब्दि वर्ष में सम्पूर्ण भारत में विविध आयोजन होने हैं। इनमें विभिन्न आयु वर्ग, शैक्षणिक व सामाजिक पृष्ठभूमि के बंधु-भगिनि सहभागी हुए। जन सामान्य के बीच देवी अहिल्याबाई के व्यक्तित्व व कृतित्व को उपयुक्त रीति से प्रचारित करने हेतु वक्ता प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। उनके विषय में एक सूत्रबद्ध व तथ्यात्मक जानकारी समान रूप से सबको प्राप्त हो यह इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है। यह आयोजन बड़ी गरिमा के साथ संपन्न हुआ।
इस प्रशिक्षण में उत्तरी क्षेत्र के पाँच राज्यों यानी दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब एवं जम्मू कश्मीर के विभिन्न संस्थाओं के सामाजिक कार्यकर्ता सम्मिलित हुए। विभिन्न संस्थाओं से वक्ता व अध्येता अपने अपने प्रांत में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन के बारे में समाज को उनकी देन और भारतीय संस्कृति के संरक्षण में अभूतपूर्व योगदान को बताकर सभी लोगों को जागरुक कर सकेंगे।
यह आयोजन 23 मई 2024, गुरुवार, प्रातः 8.30 से सायं 5.00 बजे तक विठ्ठल रुक्मिणि गार्डन, केसरबाग रोड़, इन्दौर मैं संपन्न हुआ।
मूल रूप से 31 में 2024 को आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की तैयारी हेतु इस आयोजन में सम्मिलित होने के लिए संस्कार भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्रीमान अभिजीत गोखले जी एवं साहित्य विधा के संयोजक आचार्य अनमोल की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मंच पर होलकर परिवार से पधारे हुए श्रीमान उदय सिंह राज होलकर, संघ के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख माननीय सुनील देशपांडे एवं सामाजिक समरसता से अखिल भारतीय सह संयोजक माननीय रविंद्र जी किरकोल की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम में पधारे हुए अनेक वक्ताओं ने लोकमाता अहिल्याबाई के जीवन से संबंधित अपने-अपने विषय प्रस्तुत किये उनमें सर्वप्रथम माननीय रविंद्र जी किरकोरे प्रस्तावना में लोक माता का संक्षेप में जीवन प्रस्तुत करते हुए बताया कि किस तरह है आक्रांताओं ने मंदिरों का, मूर्तियों का विध्वंस किया। हमारी संस्कृति को छिन्न-भिन्न किया। उन्होंने पूरे देश में घाटों का, कुओं का, बावड़ियों का, मंदिरों का निर्माण कराया और अनेक नए सृजन कार्य किये।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में अमरावती से पधारी हुई चिन्मयी मूले ने देवी अहिल्याबाई के जीवन दर्शन को प्रेजेंटेशन के द्वारा प्रस्तुत किया।
द्वितीय सत्र में पुणे से पधारी हुई सुनीला जी सोवनी माता अहिल्याबाई के धार्मिक कार्यों को प्रोजेक्ट के माध्यम से प्रस्तुत किया।
साहित्य अकादमी भोपाल, मध्य प्रदेश के निदेशक डॉ० विकास दवे ने बड़े विस्तार पूर्वक और उदाहरण देकर माता अहिल्याबाई के जीवन आदर्श को बताया।
कार्यक्रम के तृतीय सत्र में मनीषा कोठेकर ने देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवन में सक्षम महिला पर अपना विषय प्रस्तुत किया। इसी कड़ी में विदुषी नयना जी सहस्त्रबुद्धे देवी अहिल्याबाई के आर्थिक कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों द्वारा आगंतुक सभी बांधुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।