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होटल मैरियट में 10 दिवसीय ‘पधारो म्हारे देस 2.0’ राजस्थानी फूड फेस्टिवल शुरू

लखनऊ। गोमती नगर के विभूति खंड स्थित होटल फेयरफील्ड बाई मैरियट फिर से एक बार आपके शहर में गुरुवार से 10 दिवसीय ‘पधारो म्हारे देस 2.0’ राजस्थानी फूड फेस्टिवल लेकर के आ रहा हैं। जनरल मैनेजर सचिन मल्होत्रा ने बताया कि होटल फेयरफील्ड बाई मैरियट हमेशा अपने मेहमानों के लिए कुछ अलग स्वाद लेकर आता है। इस बार हमारी कोशिश रहेगी कि हम अपने मेहमानों के लिए अविस्मरणीय यादें बना सकें । जिसके मद्देनजर इस महीने 02 से 12 मई तक राजस्थानी फूड फेस्टिवल की शुरुआत की गई। सचिन मल्होत्रा का कहना है कि बच्चो के लिए किड्स जॉन , फॉक म्यूजि एवं ‌डांस, कैमल राइड, पपेट शो ,पॉटरी मेकिंग और( 6-8) शॉपिंग स्टॉल्स लगाए गए हैं ।

प्रख्यात शेफ चेतन सिंह ने बताया कि राजस्थानी फूड में लाइव काउंटर पर राबोड़ी लीला कांदा, गट्टा करी ,केर सांगरी, चक्की की सब्जी, दाल मारवाड़ी,बाजरे का खिचड़ा, बाटी चूरमा जैसे व्यंजन रखे गए हैं। इस सीजन के भोजन के सबसे बड़े त्योहार ‘पधारो म्हारे देस 2.0 ‘ की घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है राजस्थानी फूड फेस्टिवल – शेफ चेतन सिंह ‘सीजन 1 ‘की शानदार सफलता के बाद, फिर से वापस आए हैं राजस्थान के अजमेर जिले के अदावाला नामक छोटे से गाँव के रहने वाले शेफ चेतन सिंह ने राजस्थानी व्यंजनों के प्रति अपने जुनून और गहन ज्ञान से ध्यान आकर्षित किया है। प्रामाणिक स्वादों और व्यंजनों की उनकी खोज ने उन्हें राजस्थान के अंदरूनी गांवों की 3 महीने की यात्रा पर निकलने और दादी मां की रसोई देखने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान, उन्होंने स्थानीय खेती और खाना पकाने की तकनीकों का अध्ययन किया, जिससे राजस्थानी खाना पकाने में उपयोग की जाने वाली अनूठी सामग्रियों और तरीकों की गहरी समझ पैदा हुई, जो धीरे-धीरे गैस्ट्रोनॉमिक यात्रा के मेनू से बाहर हो रही है। उन्होंने घरेलू रसोई में खाना पकाया और शाही और घरेलू रसोई के असली स्वादों को एकत्र किया। तैयार किया गया मेनू प्रसिद्ध “देसी घी” के उपयोग के साथ सभी जैविक और घरेलू व्यंजनों के साथ पकाया जाता है।

फूड एंड बेवरेज मैनेजर जितेंद्र सिंह के अनुसार, होटल में व्यंजनों के साथ संगीत का मजा भी लिया जा सकता है, इसके लिए हर एक दिन कोई न कोई कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस बार म्यूजिक के लिए हमने भारतारिक भारतीयों को संगीत कार्यों को प्रयुक्त कर रहे हैं जिसमें तबला, रस्सीतर, सारंगी जैसे जुड़े हैं।

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