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अपोलो के डॉक्टरों ने कर दिया कमाल, फ्रोजन एलिफेंट ट्रंक तकनीक से बचाई मरीज की जान

मरीज में नई तकनीक के जरिए एक विशेष हाइब्रिड डिवाइस का किया उपयोग

लखनऊ : इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने अपनी चिकित्सा सूझबूझ से एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है। डॉक्टरों ने फ्रोजन एलिफेंट ट्रंक तकनीक से एक मरीज की जान बचाई है। एक से ज्यादा स्वास्थ्य परेशानियों से ग्रस्त 54 वर्षीय मरीज की जटिल हृदय सर्जरी में डॉक्टर कामयाब रहे।

जानकारी के अनुसार, दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉ​स्पिटल्स के हृदय और फेफड़ा प्रत्यारोपण सर्जरी के कार्डियोथोरेसिक सर्जन वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मुकेश गोयल की निगरानी में मरीज को भर्ती कराया गया। अपोलो एआर्टिक प्रोग्राम के सर्जिकल लीड के कार्डियोवास्कुलर और महाधमनी सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. निरंजन हिरेमथ की देखरेख में एक विशेष हाइब्रिड डिवाइस का उपयोग करके मरीज की जान बचाई।
डॉक्टरों ने बताया कि मरीज को लंबे समय से उच्च रक्तचाप का इतिहास था। उसके धमनीविस्फार ने न केवल आरोही महाधमनी को प्रभावित किया, बल्कि आर्च तक भी फैल गया। ऐसी ​स्थिति में जटिल सर्जरी का विकल्प होता है। सर्जरी में आरोही महाधमनी और आर्च को एक विशेष हाइब्रिड ग्राफ्ट के साथ बदलने के अलावा एन्यूरिज्मल फैलाव को रोकने के साथ सामान्य हृदय प्रोग्राम को बहाल करना शामिल है।
दरअसल इस प्रक्रिया को फ्रोजन एलिफेंट ट्रंक तकनीक के नाम से जाना जाता है। इस तकनीक में 20 डिग्री सेल्सियस की गहरी हाइपोथर्मिया और सर्कुलेटरी अरेस्ट शामिल है। हालांकि अच्छी बात यह है कि सर्जरी के दौरान मेडिकल टीम को किसी भी जटिलता का सामना नहीं करना पड़ा। ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत स्थिर रही और वह बिना किसी प्रतिकूल घटना के ठीक होने लगा।
यह सफल परिणाम इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग की विशेषज्ञता और क्षमताओं को उजागर करता है। प्रक्रिया के बाद, मरीज की रिकवरी की प्रक्रिया सुचारू रही और अब उसे नियमित अनुवर्ती निर्देशों के साथ छुट्टी दी जा रही है ताकि उसकी निरंतर रिकवरी सुनिश्चित की जा सके।
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के हृदय और फेफड़े के प्रत्यारोपण सर्जरी के कार्डियोथोरेसिक सर्जन वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मुकेश गोयल ने उन्नत प्रौद्योगिकी की भूमिका पर जोर देते हुए कहा, “यह मामला हमारी टीम की विशेषज्ञता के शिखर और हमारे पास मौजूद अत्याधुनिक संसाधनों का उदाहरण है। जटिल हृदय संबंधी स्थितियों को सटीकता के साथ पहचान करने की हमारी क्षमता और सकारात्मक परिणाम हमारे विभाग के भीतर अनुभव और समर्पण की गहराई को दर्शाते हैं। मैं रोगी देखभाल के प्रति उनकी निरंतर प्रतिबद्धता और हृदय शल्य चिकित्सा में उत्कृष्टता की निरंतर खोज के लिए पूरी मेडिकल टीम की सराहना करता हूं।”

अपोलो एऑर्टिक प्रोग्राम के कार्डियोवास्कुलर और महाधमनी सर्जरी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. निरंजन हिरेमथ ने कहा, “यह मामला बिना पोस्ट-ऑपरेटिव रक्त आधान और न्यूनतम इंट्राऑपरेटिव रक्त हानि के साथ साथ महाधमनी सर्जरी में विशेषज्ञता को भी रेखांकित कर रहा है। फ्रोजन एलिफेंट ट्रंक तकनीक का उपयोग हमारी क्षमता के साथ साथ शल्य चिकित्सा देखभाल की सीमाओं को आगे बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह मामला जटिल महाधमनी स्थितियों वाले मरीजों के लिए बेहतर परिणाम प्राप्त करने में एक बहु-विषयक दृष्टिकोण और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के महत्व पर प्रकाश डालता है एक ऐसी टीम जो लगातार असाधारण परिणाम देती है और महाधमनी शल्य चिकित्सा उत्कृष्टता में नए मानक स्थापित करती है।”

Cherish Times

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