आम आदमी पार्टी दलित और महिला विरोधी पार्टी है : नेता विपक्ष राजा इक़बाल सिंह

नई दिल्ली : नगर निगम में नेता विपक्ष व पूर्व महापौर राजा इक़बाल सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी एक दलित व महिला विरोधी पार्टी है। आम आदमी पार्टी स्वयं महापौर व उप महापौर पदों के लिए चुनाव नहीं करवाना चाहती थी ताकि उनकी पार्टी में चल रहे मतभेद सार्वजनिक न हो जाए। यदि आम आदमी पार्टी महापौर व उप महापौर पद के लिए चुराह करवाना चाहती थी तो उन्होंने पूरी प्रक्रिया संवैधानिक तरीक़े से आम चुनावों की घोषणा होने से पहले पूरी कर लेनी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 के तहत हर वर्ष निगम सदन की पहली बैठक में महापौर व उप महापौर पदों का चुनाव होता है और इसके बारे में आम आदमी पार्टी को अच्छे से स्पष्ट है जब यह पूरी प्रक्रिया पहले से स्पष्ट थी तो आम आदमी पार्टी ने सभी ज़रूरी कार्यवाही पहले क्यों नहीं की।
राजा इक़बाल सिंह ने कहा कि हम आम आदमी पार्टी के नेताओं से यह पूछना चाहते हैं कि ये लोग नया मुख्यमंत्री कब ला रहे है ताकि महापौर व उपमहापौर पदों की चुनावी प्रक्रिया को पूरा किया जा सके। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी का गठबंधन भी सिर्फ़ चुनावी दिखावा है यदि इन लोगों में सही में गठबंधन होता है तो उपमहापौर पद के लिए कांग्रेस की तरफ़ से कोई कैंडिडेट खड़ा होता। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस किसी भी प्रकार से सत्ता हथियाना चाहते हैं।
राजा इक़बाल सिंह ने बताया कि आम आदमी पार्टी एक दलित विरोधी व महिला विरोधी पार्टी है जिसकी वजह से महापौर व उपमहापौर पदों के लिए समय से चुनाव नहीं हो सके। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार आम आदमी पार्टी की महापौर ने स्थायी समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पदों के लिए चुनाव भी नहीं होने दिए। स्थायी समिति की चुनाव प्रक्रिया पर किसी प्रकार की रोक नहीं है उसके बाद भी आम आदमी पार्टी की महापौर ने चुनाव प्रक्रिया को पूरी करने के लिए किसी पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं की और आम आदमी पार्टी के कारण अभी तक स्थायी समिति के चुनाव नहीं हो सके हैं जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता को भुगतना पड़ रहा है आम आदमी पार्टी की वजह से दिल्ली में विकास कार्य रुके हुए हैं जगह जगह कूड़े के अंबार लगे हुए हैं।
राजा इक़बाल सिंह ने बताया कि आम आदमी पार्टी एक भ्रष्टाचार समर्थक पार्टी है ये लोग पहले नागरिकों को बड़े बड़े वादे दिखाकर चुनाव जीतते है और फिर जनता से किए वादों से भागते नज़र आते है और भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं जिसका ताज़ा उदाहरण है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री व कैबिनेट मंत्री का जेल जाना। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी किसी भी संवैधानिक प्रक्रिया का पालन नहीं करना चाहती व दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 के अनुरूप कोई काम नहीं करना चाहती है। इसी वजह से आम आदमी पार्टी ने महापौर व उपमहापौर पदों के लिए चुनाव नहीं होने दिए।