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मेदांता लखनऊ ने अपनी मातृ शिशु एवं नवजात बच्चों से जुड़ी सेवाओं का पूरा किया एक वर्ष

लखनऊ : मेदांता अस्पताल लखनऊ को शुक्रवार को अपनी नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) के एक वर्ष पूरा होने की घोषणा की है। उच्च तकनीक से लैस लेवल 3 एनआईसीयू यूनिट ने पिछले वर्ष 99 फीसदी से अधिक सफलता की दर हासिल की है। अस्पताल में 500 से ज्यादा चुनौतीपूर्ण बाल चिकित्सा से जुड़े मामलों का सफल इलाज किया गया है।

मेदांता अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि पहले, माता-पिता को अपने बच्चों में जटिल बीमारियों के इलाज के लिए राज्य से बाहर दिल्ली के केंद्रों में जाना पड़ता था। लेकिन मेदांता, लखनऊ में एनआईसीयू यूनिट की स्थापना के बाद से, बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, सीवीटीएस सर्जरी, प्रसव पूर्व स्कैनिंग, और कई दूसरे उपचार एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो गए हैं।

मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ में नियोनेटोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. आकाश पंडिता ने कहा, “डॉक्टरों की हमारी विशेष टीम ने कई गंभीर मामलों में सफलता हासिल की है। ऐसा ही एक मामला दो महीने के बच्चे का था जो निमोनिया और लगातार पल्मोनरी हाइपरटेंशन से पीड़ित था। बच्चे को पहले ही कई अस्पतालों में रेफर किया जा चुका था। वह लगभग एक महीने से वेंटिलेटर पर था। हमारी टीम ने उसे हाई फ्रीक्वेंसी वेंटिलेशन के साथ इनहेल्ड नाइट्रिक ऑक्साइड का उपयोग करके एक थेरेपी दी। इस प्रयोग के लिए लखनऊ में ये पहला मामला था जिसमें सफलता हासिल हुई। पिछले एक वर्ष के दौरान 1500 ग्राम से कम वजन वाले 30 से अधिक समयपूर्व पैदा हुए शिशुओं को स्वस्थ कर सफलतापूर्वक छुट्टी दे दी गई है।”

लखनऊ के मेदांता अस्पताल में प्रसूति और गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी की निदेशक डॉ. नीलम विनय ने कहा, “मेदांता में एनआईसीयू इकाई, उत्तर प्रदेश राज्य में नवजात शिशु की देखभाल के क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी है। यहां नवजात बच्चों से जुड़ी हर समस्या का इलाज और देखभाल अब एक ही छत के नीचे उपलब्ध है। इससे उन माता-पिता को खास तौर पर राहत मिलती है, जिन्हें अपने बच्चे की सबसे अच्छी देखभाल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता था।”

Cherish Times

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