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मिशन प्राकृतिक खेती पर भारत सरकार ने की समीक्षा बैठक

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही व अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ देवेश चतुर्वेदी ने की सहभागिता

लखनऊ: प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा नई दिल्ली में आयोजित बैठक में प्रदेश की विभिन्न योजनाओं में अब तक की गयी प्रगति के बारे में केन्द्रीय कृषि मंत्री  नरेन्द्र सिंह तोमर को अवगत कराया। उन्होंने बुंदेलखंड राष्ट्रीय खेती योजना, नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गंगा के तटवर्ती 26 जिलों में चलाई जा रही प्राकृतिक खेती योजना को एकीकृत रूप से चलाए जाने का भी सुझाव दिया।

बैठक में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती जो राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के बुन्देलखण्ड के 47 विकासखण्डों में क्रियान्वित की जा रही है। इस कार्य के लिए प्रदेश सरकार द्वारा रू0 68 करोड़ की धनराशि का प्राविधान किया गया है। योजना में कल्स्टर का चयन, चौम्पियन फार्मर्स एवं कृषकों की सूची तैयार कर योजना क्रियान्वयन की कार्यवाही प्रारम्भ की जा चुकी है। इसी कड़ी में मंत्री, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, वैज्ञानिकों एवं प्रगतिशील कृषकों द्वारा गुरूकुल कुरूक्षेत्र में प्राकृतिक कृषि के मॉडल का अध्ययन भ्रमण भी किया गया है। प्रदेश के पाँच कृषि विश्वविद्यालयों में भी उनके कुलपति द्वारा प्राकृतिक खेती के मॉडल को अपने विश्वविद्यालय प्रक्षेत्र पर आयोजित कराये गये हैं, जिसके अच्छे परिणाम आने की संभावना व्यक्त की गयी है। प्रदेश के 89 कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों को भी प्रशिक्षण देकर प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर्स के रूप में तैयार कर इस विधा को प्रदेश में बढाने का कार्य किया जा रहा है, साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रक्षेत्रों पर भी प्राकृतिक खेती के मॉडल लगाये गये हैं। इस आयोजित बैठक में प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (कृषि) डा. देवेश चतुर्वेदी द्वारा भी प्रतिभाग किया गया।
कृषि मंत्री शाही ने केंद्रीय कृषि मंत्री से फूड एंड न्यूट्रिशन सिक्योरिटी मिशन के तहत गत वर्ष की तुलना में 28.5 करोड़ रुपए की योजना कम स्वीकृत हुई थी इसे भी शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अन्तर्गत लम्बित रू0 28 करोड़ की धनराशि शीघ्र ही गेहूँ बीज के अनुदान के भुगतान हेतु उपलब्ध कराने हेतु अनुरोध किया गया है। इसी कड़ी में आत्मा योजना के कार्मिकों के लम्बित देयों के भुगतान हेतु भी आवश्यक धनराशि अवमुक्त करने के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया गया है। प्रदेश ने किसान सम्मान निधि योजना में विशेष प्रयास कर सराहनीय कार्य किया है। योजनान्तर्गत प्रशासनिक व्यय की धनराशि उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया गया ताकि इसमें लगे कार्मिकों को प्रोत्साहन राशि देकर योजना को और गति दी जा सके। प्रदेश की कृषि को नई ऊचाइयाँ देने के लिये पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था के लिए राज्य के कृषि मंत्री भारत सरकार तक पहुँचकर समस्याओं का व्यक्तिगत रूप से निदान करने में लगे हुए हैं।

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