लखनऊ. अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में मनाए जा रहे विश्व स्तनपान सप्ताह के अन्तर्गत सेन्ट मेरीज कॉलेज ऑफ नार्सिग एण्ड पैरामेडिकल इन्स्टीट्यूट, गोराबाग, लखनऊ और इण्डियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में नर्सिंग के छात्र/छात्राओं के लिए शिशु एवं छोटे बच्चों के सर्वोत्तम आहार (आई.वाई.सी.एफ.) विषय के ऊपर एक सतत् मेडिकल शिक्षा (सी.एम.ई.) का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान के सहायक निदेशक मुकेश कुमार मौर्य ने भारत और उत्तर प्रदेश म महिलाओं एवं बच्चों में पोषण की स्थित पर विस्तृत चर्चा की। एन.एफ.एच.एस.5 सर्वे के आकड़े एवं विभिन्न शोध अध्ययनों को साझा करते हुए उन्होंने बच्चों में कुपोषण, एनीमिया, स्तनपान व अनुपूरक आहार की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुविज्ञान संस्थान के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर व नेशनल ट्रेनर डॉ मनीष कुमार सिंह ने बच्चों में स्तनपान की महत्ता पर विस्तृत तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि जन्म के तुरंत बाद बच्चे को कोलोस्ट्रम फीडिंग, छः माह तक केवल स्तनपान एवं छः माह से दो साल तक अनुपूरक आहार के साथ स्तनपान कराने के बच्चों, माताओं, परिवार, समाज एवं देश को क्या लाभ हैं।
इस अवसर पर सेन्ट मेरीज़ कॉलेज ऑफ नार्सिग एण्ड पेरामेडिकल इन्स्टीट्यूट के वॉइस प्रिंसिपल जस्टिन व प्रिंसिपल श्रीमती के. कविचेल्वी ने भी छात्राओं को माताओं एवं समुदाय में स्तनपान की महत्ता को समझाने एवं बढ़ावा देने में नर्सिंग छात्राओं के योगदान पर सम्बोधित किया। उक्त कार्यशाला में नर्सिंग के लगभग 300 छात्राओं एवं संकाय सदस्यों ने भाग लिया।