उत्तर-प्रदेश

आजादी के अमृत महोत्सव में पूरा विश्व भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा : मुख्यमंत्री

  • योगी ने अमृत महोत्सव समारोह में देखा ‘चौरीचौरा : अपराजेय समर’ नाटक, हुए भावुक

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी दौरे में शुक्रवार शाम डीएवी पीजी कालेज में 1922 में चौरीचौरा के सेनानियों की याद में 40 विद्यार्थियों द्वारा मंचित ‘चौरीचौरा : अपराजेय समर’ नाटक देखा। आजादी के अमृत महोत्सव अंतर्गत आयोजित समारोह का उद्घाटन कर कालेज के इंडोर स्टेडियम में नाट्य मंचन के दौरान मुख्यमंत्री मार्मिक दृष्यों को देखकर कई बार भावुक भी नजर आए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी में जो भी आया कुछ लेकर ही लौटा है, यहाँ से कोई खाली हाथ नहीं जाता है। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में जनभावना का सम्मान सदैव सर्वोपरि रहा है, चौरी- चौरा की घटना उसी जनभावना का परिचायक है। चौरी चौरा की लड़ाई सामान्य मानव, ग्रामीण समाज ने स्वयं लड़ी। यह गौरव का विषय है कि चौरी चौरा पर पहला नाट्य मंचन उस जगह हो रहा है जिसका संबंध मदन मोहन मालवीय से है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महामना ने ही इस घटना का मुकदमा लड़ा और ना जाने कितनों को फाँसी के फंदे पर झूलने से बचाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में पूरा विश्व भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है। काशी आज पूरे देश का नेतृत्व कर रहा है, यहाँ के लोगों ने सांसद नही प्रधानमंत्री चुन कर भेजा है।

योगी ने यह भी कहा कि भारत अब आत्मनिर्भर भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है। काशी में बना काशी विश्वनाथ धाम अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा सहयोग है। धाम से समाज को कितना लाभ हुआ, समाज के अंतिम स्तर तक कार्यकरने वाले के जीवन स्तर में कोई भी बदलाव आया कि नही यह जानना और समाज को उससे अवगत कराने का शोध कार्य भी डीएवी पीजी कॉलेज को करना है। उन्होंने कहा कि आगामी 25 वर्ष भारत के लिए अमृत वर्ष के रूप में होंगे, जिसमे एक नए भारत का उत्थान पूरी दुनिया देखेगी। कार्यक्रम में ही मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका प्रभा के अमृत महोत्सव विशेषांक का विमोचन भी किया।

इसके पहले कालेज के प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत कर कहा कि अंग्रेजी हुकूमत ने भारतीयों को बड़ी त्रासदियाँ दी है, उसकी एक बानगी मात्र है चौरी चौरा की घटना, हम उसका स्मरण कर आजादी के सभी नायकों को नमन कर रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा महाविद्यालय प्रधानमंत्री के विजन डिजिटल लर्निग पर मजबूती से काम कर रहे है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. समीर कुमार पाठक एवं धन्यवाद ज्ञापन राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्रा ने दिया। इस अवसर पर प्रो. विजय बहादुर सिंह, प्रो. जी.सी.आर. जायसवाल, प्रो. बिन्दा परांजपे, पद्मश्री पं. शिवनाथ मिश्रा, डॉ. उषा किरण सिंह, सभाजीत सिंह, प्रियंकदेव सिंह, डॉ. विनोद कुमार चौधरी आदि की उपस्थिति रही।

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