उत्तर-प्रदेश
पति चाहिये’ नाटक ने किया दर्शकों को लोटपोट
लखनऊ।
उ०प्र० संगीत नाटक अकादमी एवं बाबा भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में अवध संध्या श्रृंखला के अंतर्गत सूर्या थिएटर कल्चरल आर्ट्स सोसाइटी (रंगमंडल), लखनऊ द्वारा आयोजित रंगारंग संगीतमय हास्य-नाट्य “पति चाहिये” में खूब ठहाके गूंजे। नाटक का निर्देशन कर रहे विवेक मिश्रा, सह-निर्देशक रमा जायसवाल एवं संस्था के कलाकारों ने जबरदस्त हास्य नाटक को मंच पर उतारा। राजेंद्र तिवारी द्वारा लिखित नाटक में हुआ कुछ ऐसा की प्रातः काल का समय मन्दू अपने पति के साथ सो रही है और सपने में देखती है की उसने पति चाहिये का विज्ञापन दिया है। इसके बाद घर में पति बनने के दवावेदारों की झड़ी लग जाती है, कभी घर में गुंडा घुस आता है तो कभी उस गुंडे के पीछे पड़ी पुलिस, इन सब में मन्दू को अपना होने वाला पति दिखता है, उसे यही लगता है की सब उससे शादी करने के लिए ही आये है। मन्दू को पति बनने के आये दावेदार पसंद न आने पर वो उनकी झाड़ू से पिटाई करती, इस क्रिया में चंदू उसका भरपूर साथ देता है।नाटक में मन्दू द्वारा ‘चंदू जरा झाड़ू तो लाना’ तकिया-कलाम का निरंतर और हास्यास्पद प्रयोग होता है। मंदू की गैरमौजूदगी में आये इच्छुक पति, मंदू की बड़ी बेहन सरला को मंदू समझ लेते है, चाहे वह किसी अकबर का पत्रकार हो या तो नाबालिग बच्चा और रही कसर बूढ़े नवाब पूरी कर देते है । हद्द तो तब होती है जब घर में भिखारी, बेहरा और हकले भी पति बनने के लिए आने लगते है और घर में ऐसी भ्रामक परन्तु हास्यास्पद परिस्थातियां बनती है की सभी लोटपोट हो जाते है।
मुख्य भूमिका में चंदू- अमन कुमार, मन्दू- मानसी त्रिपाठी, सनी- राम अभि, सरला- पीहू गुप्ता रहे। वही पति का इंटरव्यू देने आये दावेदारों की भूमिका में पत्रकार/नवाब- राहुल मिश्रा, पेपरवाला- अवनिश, सत्तू- रवि शंकर, प्लम्बर- हिमांशु, सोहन- सौरव सिंह, मोहन – मुज़्ज़म्मिल, शायर- अवनीश यादव शामिल रहे। मंच परे में वेशभूषा- रुचिका/सूर्या/वर्षा, मंच सज्जा- ज्ञानवती/मुन्नी/सत्यनारायण, मुखसज्जा- सचिन/सहीर, संगीत- अवनीश/सौरभ, प्रकाश- हिमांशु, प्रेक्षाग्रह- सुशीला/सत्यनारायण द्वारा किया गया। चुटीले संवाद और संगीतमय प्रस्तुति ने दर्शकों को लोटपोट कर दिया और प्रेक्षाग्रह में ठहाकों की झड़ी लग गयी।