चैत्र शुक्ल प्रतिपदा सृष्टि के सृजन का आदि दिवस : शंकराचार्य वासुदेवानंद
- नौ दिवसीय संगीत मय श्री राम कथा
प्रयागराज। भारत धर्म प्राण देश है। आज का दिन ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि का शुभारम्भ करने का दिन है। मानव संस्कृति व संस्कार के विस्तार से वर्णन भी भारत में लिखे गए वेद, पुराणों, शास्त्रों में ही किया गया है। सम्पूर्ण सृष्टि व ब्रह्मांड की संरचना का ज्ञान भी भारत राष्ट्र के ऋषि महर्षियों की देन है।
यह बातें श्री नव सम्वत्सर मानस समिति कल्याणी देवी मंदिर प्रयागराज द्वारा आयोजित नौ दिवसीय संगीत मय श्री राम कथा के प्रथम दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को अपने आशीर्वचन में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद जी महाराज ने कही। उन्होंने बताया माता कल्याणी देवी मंदिर में श्री नवसंवतसर मानस समिति का गठन करके श्री राम कथा और श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से पचास वर्षों सनातन धर्म के ज्ञान भंडार का प्रसार पुण्य व प्रशंसनीय कार्य है।
श्री वृंदावन धाम से आए श्री राम कथा एवं श्रीमद् भागवत कथा विशेषज्ञ राजेंद्र जी महाराज ने माता कल्याणी देवी मंदिर में आकर मां की दिव्य आरती करने के पश्चात संगीतमय श्री राम कथा सुनाते हुए कहा कि, राम एक ऐसा नाम है जो सनातन धर्मियों कि हर सांस में बसा हुआ है। राम मानव रूप में ईश्वर के अवतार हैं। जीवन के सभी अंग, उपांगो, सम्बंधों व मर्यादाओं का पालन श्री राम के चरित्र में मिलता है।
मां कल्याणी देवी मंदिर अध्यक्ष पंडित सुशील पाठक ने बताया कि 10 अप्रैल तक सांय 7ः30 से 11 तक श्री राम कथा प्रातः 5 से 1 बजे तक मां कल्याणी का पूजन सांय 6 से रात्रि 12 बजे तक मां कल्याणी का प्रतिदिन नूतन भव्य श्रृंगार व झांकी दर्शन सांय 7 बजे आरती होगी।