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फ़्रंट ऑफ़ पैक लेबलिंग विषय पर कार्यशाला: स्वस्थ भोजन का चयन उपभोक्ता का अधिकार

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डिब्बाबंद नुकसानदेह खाद्य और पेय पदार्थों के पैकेट पर फ्रंट ऑफ पैक लेबल (FoPL) यानी क‍ि ऊपर की ओर स्पष्ट व अनिवार्य चेतावनी छापने की व्यवस्था होनी चाहिए. इस तरह की व्‍यवस्‍था होने के बाद लोगों को स्वस्थ और सुरक्षित चीजें खरीदने का निर्णय लेने में मदद मिल सकेगी. देश में डायबिटीज समेत सभी गैर संचारी रोगों (NCDs) का खतरा बहुत तेजी से बढ़ रहा है जो स्वास्थ्य तंत्र पर गंभीर बोझ डाल रहा है.

आईसीएमआर (ICMR) की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में डायबिटीज और हृदय रोग जैसे गैर संक्रामक रोगों (Non communicable diseases) से देश में लगभग 60 लाख मौतें हुईं. यह वर्ष की कुल मृत्यु का 62% था. नमक, चीनी और वसा (फैट) की अधिकता वाली खाने-पीने की चीजें इन बीमारियों का एक बड़ा कारण बनती हैं. जहां कई देश ऐसी व्यवस्था तेजी से लागू कर रहे हैं। यह बात कंज़्यूमर गिल्ड लखनऊ व कंज्यूमर वॉयस नई दिल्ली , की ओर से “ फ़्रंट ऑफ़ पैक लेबलिंग ” विषय पर आई सी सी एम आर टी ( ICCMRT) इन्दिरा नगर लखनऊ में आयोजित कार्यशाला में उपस्थित विशेषज्ञों द्वारा रखी गई।

इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि , डॉ शैलेंद्र प्रताप सिंह, सहायक आयुक्त , खाद्य औषधि प्रशासन ने बताया कि भारत का शीर्ष खाद्य नियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई ) 2013 से इस मुद्दे पर विचार-विमर्श ही कर रहा है और तथा सेहत के लिए नुकसानदेह खाद्य पदार्थों पर सख्त स्वास्थ्य चेतावनी व उपभोक्ता हितकारी लेबलिंग प्रणाली होनी चाहिये, साथ ही उन्होने बताया कि विभाग द्वारा प्रवर्तन की कार्यवाही लगातार की जा रही है। डॉ शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहां की उपभोक्ताओं को अपने खान-पान के प्रति जागरूक होना चाहिए , और किसी भी प्रकार की मिलावट व शिकायत होने पर खाद्य व औषधि प्रशासन से संपर्क करना चाहिए। उपभोक्ता को तेल , नमक , चीनी की मात्रा का भी सावधानी से प्रयोग करना चाहिए।

डॉक्टर पीयूष गुप्ता, सेक्रेटरी कैंसर ऐड सोसायटी, लखनऊ ने कहा कि वसा (फैट), नमक या चीनी की अधिकता (HFSS) वाली पैकेटबंद चीजों पर “सिगरेट के पैकेट की तर्ज पर चेतावनी दी जानी चाहिए. जैसे सिगरेट के पैकेट पर लिखा होता है-“धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.” “इससे लोगों को स्वस्थ और सुरक्षित विकल्प चुनने में मदद मिलेगी”।

इसी तरह अभिषेक श्रीवास्तव अध्यक्ष, कंज्यूमर गिल्ड , लखनऊ ने कहा कि इस कार्यशाला का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब भारत डिब्बाबंद खाद्य और पेय पदार्थों पर सामने की ओर चेतावनी व्यवस्था ‘एफओपीएल’ अपनाने पर विचार कर रहा है. अभी नियमों के अभाव में वसा, नमक और चीनी की अधिकता वाले डिब्बांद पदार्थ जम कर बेचे जा रहे हैं जिससे एनसीडी के मामले खूब बढ़ रहे हैं। इसी तरह एकता पुरोहित , कंज्यूमर वॉयस, नई दिल्ली ने कहा कि भारत में एफओपीएल के लिए एक गहन जागरूकता अभियान शुरू करने कि जरुरत है। अब गांवों में भी डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं जो खतरे की घंटी है. ने रेखांकित किया कि चिली जैसे विकासशील देशों ने पैकेट के ऊपर की ओर चेतावनी (FOPL) को अनिवार्य बनाकर चीनी युक्त पेय पदार्थों की खपत और बिक्री को काफी कम किया है. इससे उसके सार्वजनिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालना शुरू कर दिया है।

हर साल 58 लाख भारतीय लोगों की होती है गैर संक्रामक रोगों से मौत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार हर साल लगभग 58 लाख भारतीय ऐसे गैर संक्रामक रोगों (NCD) की वजह से मारे जाते हैं, जिनको थामा जा सकता था. डब्लूएचओ ने भी पैकेट के ऊपर की ओर चेतावनी (FOPL) का यह कहते हुए समर्थन किया है कि यह तभी प्रभावी होता है जब इसे अनिवार्य बना दिया जाए. इन्हें सभी डिब्बाबंद उत्पादों पर लागू किया जाए और यह वास्तविक खतरे को समझाने वाला हो, सरल और आसानी से दिखाई देने वाला हो और विशेषज्ञों की ओर से तैयार न्यूट्रिएंट प्रोफाइल मॉडल द्वारा निर्देशित हो।

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ में सीनियर डाइटिशियन डॉक्टर शालिनी श्रीवास्तव ने गैर संक्रामक रोगों को कम करने के लिए एफओपीएल व्यवस्था को जरूरी बताया. उन्होंने कहा क‍ि “यह कदम डायबिटीज, हृदय रोग और विभिन्न तरह के कैंसर जैसी गैर संग्रामक बीमारियों के संकट को टालने में मदद करेगा।

यह ऐसी बीमारियां हैं जो खासकर भारी मात्रा वाले नमक, चीनी और वसा वाले उच्च प्रसंस्कृत (हाईली प्रोसेस्ड) डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों के सेवन से होती हैं. चेतावनी लेबल लोगों को स्वस्थ विकल्प चुनने और यहां तक ​​कि इन अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों की खपत को कम करने के लिए मदद करेंगे।” भारत में बचपन के मोटापे से पीड़ित होते हैं, भारत में लगभग 1.5 करोड़ बच्चे बचपन के मोटापे से पीड़ित हैं. यदि एफओपीएल को अनिवार्य बनाने जैसे उचित कदम नहीं उठाए गए तो भारत जल्द ही बचपन के मोटापे के मामले में दुनिया की राजधानी बन जाएगा।

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