यूपी में 2 सीट जीतने वाली कांग्रेस का इतिहास का सबसे खराब प्रदर्शन, 1985 के बाद पार नहीं कर पाई 50 का आकड़ा
उत्तर प्रदेश चुनाव में इस बार कांग्रेस को सिर्फ और सिर्फ 2 सीट से संतोष करना पड़ा है. प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरने वाली कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में इतिहास की सबसे बुरी हार झेलनी पड़ी है. हालांकि यह नया नहीं है और बीते कई चुनावों से ही पार्टी का प्रदर्शन लगातार गिरता जा रहा है. हाथरस मामले, उन्नाव रेप केस, लखीमपुर हिंसा और कोरोना काल में प्रियंका गांधी वाड्रा की अतिसक्रियता के बाद पार्टी को उम्मीद थी कि प्रदर्शन में सुधार होगा, लेकिन निराशा ही हाथ लगी.
राज्य में कांग्रेस का सिर्फ सीट ही कम नहीं हुआ है बल्कि वोट शेयर में भी बड़ी गिरावट देखी गई है. 2017 के विधानसभा चुनान में कांग्रेस पार्टी को 6.25 प्रतिशत वोट मिले थे. तब कांग्रेस समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनावी मैदान में उतरी थी. इस बार एकला चलो रे की नीति रणनीति को अपनाते हुए पार्टी चुनाव लड़ रही थी. लेकिन न तो सीट के मामले में और न ही वोट शेयर के मामले को कोई फायदा हुआ. 2017 में 6.25 प्रतिशत मिले वोट के बरक्स इस बार पार्टी सिर्फ 2.33 प्रतिशत मत ही हासिल करने में सफल रही.
1985 के बाद कांग्रेस को नहीं मिली 50 से अधिक सीट
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति अचानक खराब नहीं हुई है. यह ट्रेंड पिछले कई चुनावों से देखने को मिल रहा है. लंबे समय तक राज्य की सत्ता में रहने वाली पार्टी धीरे-धीरे विपक्षी दल बन गई. अब आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि यूपी के चुनावों में पार्टी मुकाबले में भी नहीं है.
कांग्रेस को आखिरी बार 1985 के विधानसभा चुनाव में 50 से अधिक सीटें मिली थीं. उस वक्त 269 सीट जीतकर कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई थी. लेकिन उसके बाद से अब तक पार्टी 50 के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाई है. 1991 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 46, 1996 में 33, 2002 में 25, 2007 में 22, 2012 में 28 और 2017 के पिछले चुनाव में पार्टी को मात्र 7 सीटों से संतोष करना पड़ा था. इस बार पार्टी तो महत दो सीटों पर सिमट कर रह गई है.
देश में सिर्फ छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस सरकार
कांग्रेस की ऐसी स्थिति सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं है. गुरुवार को पांच राज्यों के नतीजे आए और पार्टी कहीं भी सम्मानजनक प्रदर्शन नहीं कर पाई. पंजाब में पिछले 5 साल से सरकार में रही कांग्रेस को कुछ ही साल पुरानी आम आदमी पार्टी से करारी शिकस्त मिली है. राज्य के 117 में से सिर्फ 18 सीट को ही कांग्रेस बचा पाई और आम आदमी पार्टी ने 92 सीटों पर जीत हासिल की है.
देश में अब सिर्फ छत्तीसगढ़ और राजस्थान में ही कांग्रेस की सरकार है. वहीं तमिलनाडु और झारखंड में वह सत्ताधारी दल के साथ गठबंधन में है. छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. यहां पार्टी को गुटबाजी से पार पाना है. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ टीएस सिंह देव का गुट है तो राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत को सत्ता से बेदखल करने की एक नाकामयाब कोशिश सचिन पायलट पहले ही कर चुके हैं.