तेज गेंदबाज एस श्रीसंत ने क्रिकेट को कहा पूरी तरह अलविदा, ऐतिहासिक कैच लेकर भारत को जिताया था वर्ल्ड कप
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज शांताकुमारन श्रीसंत ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास का ऐलान कर दिया है. 2005 में भारतीय क्रिकेट में अपनी जगह बनाने वाले केरल के तेज गेंदबाज ने हाल ही में रणजी ट्रॉफी में अपना आखिरी मैच खेला था. 39 साल के श्रीसंत ने बुधवार 9 मार्च को एक ट्वीट कर अपने फैसले के बारे में बताया और कहा कि उनके लिए ये बेहद मुश्किल फैसला था और भले ही इससे उन्हें ज्यादा खुशी नहीं मिलने वाली, लेकिन आने वाली पीढ़ी की खातिर उन्होंने ये कदम उठाने का फैसला किया है.
अपनी तेज रफ्तार और चौंकाने वाली उछाल भरी गेंदों के साथ ही विवादों में रहने वाले श्रीसंत ने भारत के लिए 2005 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी और 5 साल तक टीम इंडिया का हिस्सा रहे थे. इस दौरान उन्होंने तीनों फॉर्मेट में मिलाकर 90 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. वह 2007 के टी20 विश्व कप और 2011 के वनडे विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे. इसके अलावा आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स का भी अहम हिस्सा थे.
हमेशा सफलता और मैच जीतने के लिए कोशिश
श्रीसंत हाल ही में केरल क्रिकेट टीम का हिस्सा थे और उन्होंने टीम के लिए एक मैच भी खेला था, जिसमें उन्होंने 2 विकेट हासिल किए थे. हालांकि, केरल की टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई और ऐसे में श्रीसंत ने संन्यास का ऐलान कर दिया. दाएं हाथ के पेसर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा, “आज मेरे लिए एक मुश्किल दिन है, लेकिन ये आभार जताने और चिंतन का दिन भी है. ECC, एर्नाकुलम जिला, अलग-अलग क्रिकेट लीग और टूर्नामेंट में खेलना, केरल राज्य क्रिकेट संघ, बीसीसीआई, वारविकशर क्रिकेट काउंटी, इंडियन एयरलाइन्स क्रिकेट टीम और ICC के लिए खेलना बेहद सम्मान की बात रही. अपने 25 साल के क्रिकेट करियर में मैंने हमेशा सफलता और मैच जीतने की कोशिश की है, जबकि साथ ही उच्चतम स्तर के मानदंडों के आधार पर ट्रेनिंग और तैयारी की.”
Today is a difficult day for me, but it is also a day of reflection and gratitude. Playing for Ecc, Ernakulam district,varies diff. League and tournament teams, Kerala state cricket association,Bcci, Warwickshire county cricket team,Indian airlines cricket team,Bpcl , and ICC
— Sreesanth (@sreesanth36) March 9, 2022
उन्होंने आगे लिखा, “अपने परिवार, साथी खिलाड़ियों और भारतीय लोगों का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मानजनक रहा. बहुत दुख लेकिन बिना किसी पछतावे के, भारी दिल से मैं कहता हूं- मैं भारतीय घरेलू क्रिकेट (फर्स्ट क्लास और सभी प्रारूपों से) से संन्यास ले रहा हूं.”
It has been an honor to represent my family, my teammates and the people of India. Nd everyone who loves the game .
With much sadness but without regret, I say this with a heavy heart: I am retiring from the Indian domestic (first class and all formats )cricket ,
— Sreesanth (@sreesanth36) March 9, 2022
फैसले से खुशी नहीं, अगली पीढ़ी के लिए उठाया कदम
श्रीसंत ने साथ ही बताया कि अगली पीढ़ी के लिए वह ये फैसला ले रहे हैं. उन्होंने कहा, “अगली पीढ़ी के क्रिकेटरों के लिए मैंने अपना करियर खत्म करने का फैसला किया है. ये सिर्फ मेरा फैसला है, और हालांकि मैं जानता हूं कि इससे मुझे खुशी नहीं मिलेगी, लेकिन मेरी जीवन के इस दौर में ये सही और सम्मानजनक फैसला है. मैंने हर लम्हे का आनंद लिया.”
For the next generation of cricketers..I have chosen to end my first class cricket career. This decision is mine alone, and although I know this will not bring me happiness, it is the right and honorable action to take at this time in my life. I ve cherished every moment .❤️🏏🇮🇳
— Sreesanth (@sreesanth36) March 9, 2022
दो बार विश्व चैंपियन टीम का हिस्सा
श्रीसंत ने 2005 में वनडे क्रिकेट से अपना डेब्यू किया था और फिर अपनी तेज रफ्तार और परेशान करने वाली बाउंसरों से टेस्ट और टी20 टीम में भी जगह बनाई. उनकी घातक गेंदबाजी के दम पर भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका में पहली बार 2006 में टेस्ट मैच जीता था. वहीं 2007 विश्व कप के फाइनल में श्रीसंत ने ही फाइनल के आखिरी ओवर में पाकिस्तानी बल्लेबाज मिसबाह उल हक का फाइन लेग में कैच लपक कर भारत को खिताब जिताया था. उन्होंने टूर्नामेंट में 6 विकेट लिए थे. फिर 2011 के विश्व कप में भी वह टीम का हिस्सा थे. हालांकि, तब उन्होंने सिर्फ पहला मैच और फाइनल मुकाबला खेला था. उन्होंने भारत के लिए 27 टेस्ट (87 विकेट), 53 वनडे (75 विकेट) और 10 टी20 (7 विकेट) खेले.
IPL, विवाद और प्रतिबंध
श्रीसंत अपनी हरकतों के कारण भी विवादों में रहते थे. 2008 में आईपीएल के पहले सीजन में वह किंग्स इलेवन पंजाब का हिस्सा थे और उस दौरान उनकी टीम ने मुंबई इंडियंस को हरा दिया था. मैच के बाद उनकी मुंबई के भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह से बहस हुई, जिसके बाद हरभजन ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया था और वह रोने लगे थे. वहीं आईपीएल के ही सबसे बड़े विवाद ने उनके करियर पर रोक लगाई.
2013 में राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए वह स्पॉट फिंक्सिंग के आरोप में फंस गए और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया. जांच के बाद बीसीसीआई ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उनके प्रतिबंध को घटाकर 7 साल कर दिया और 2020 में श्रीसंत ने फिर से क्रिकेट मैदान पर वापसी की. लेकिन टीम इंडिया में वापसी नहीं हुई. 2020-21 में उन्होंने केरल की ओर से सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में हिस्सा लिया.