नए सेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री से की मुलाकात, चीन से गतिरोध पर ध्यान केन्द्रित किया
- सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं से सीमा के मुद्दों का समाधान होने की संभावना जताई
- चीन को एलएसी पर यथास्थिति में किसी भी बदलाव की अनुमति नहीं देगा भारत
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कार्यभार संभालने के दूसरे दिन सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। रक्षा मंत्री और थल सेनाध्यक्ष के बीच उत्तरी और पश्चिमी मोर्चे की चुनौतियों के बारे में चर्चा हुई। जनरल पांडे ने चार्ज संभालते ही भारत और चीन के बीच चल रहे गतिरोध पर ध्यान केन्द्रित किया है। उन्होंने कहा है कि दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बातचीत की प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष ने सूचना और साइबर युद्ध के महत्व को सामने ला दिया है। हमें भविष्य के संघर्ष के लिए अपनी क्षमताओं का निर्माण करके खुद को तैयार करने की जरूरत है। पारंपरिक युद्धों से लड़ने के लिए ‘स्वदेशी हथियारों’ की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में भारतीय सेना ने लगातार खतरे का आकलन करके सशस्त्र बलों को फिर से संगठित और पुनर्गठित किया है। भारतीय सेना को पारंपरिक युद्ध लड़ने के लिए अपनी क्षमता विकास पर ध्यान देना जारी रखना चाहिए।