देश में कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के प्रसार के बीच फरवरी और मार्च में पांच राज्यों में प्रस्तावित चुनाव के मद्देनजर रैलियों, रोड शो और नुक्कड़ सभाओं पर प्रतिबंध जारी रहेगा या हटा लिया जाएगा, इसपर चुनाव आयोग (Election Commission) 31 जनवरी यानी सोमवार को फैसला लेगा. 22 जनवरी को चुनाव आयोग ने पांच चुनावी राज्यों में रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया था. हालांकि घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करने की इजाजत दी थी.
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग सोमवार को पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में कोविड-19 की स्थिति और कोरोना वैक्सीनेशन अभियान का जायजा लेगा. आयोग इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, मुख्य सचिवों और पांच राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों सहित अन्य से चर्चा भी करेगा. सूत्रों ने बताया है कि देश में कोविड-19 की स्थिति में सुधार होने के बावजूद, चुनाव आयोग अभी प्रतिबंध हटाने के मूड में नहीं है. हालांकि पाबंदियों में कुछ ढील दिए जाने की संभावना है.
चुनावी राज्यों में 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच मतदान
आयोग ने इससे पहले, 10 फरवरी को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए राजनीतिक दलों और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को 28 जनवरी से 500 लोगों की अधिकतम सीमा के साथ जनसभा करने की इजाजत दी थी और 14 फरवरी को होने वाले दूसरे चरण के मतदान के लिए सार्वजनिक सभा एक फरवरी से करने की अनुमति दी थी. इसके अलावा, प्रचार के लिए वीडियो वैन को भी कोविड-19 प्रतिबंधों के साथ निर्दिष्ट खुले स्थानों पर अनुमति दी गई थी.
चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में चुनावों की तारीखों की घोषणा करते हुए 15 जनवरी तक रैलियों, रोड शो और बाइक रैलियों तथा इस तरह के अन्य प्रचार कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी. आयोग ने 15 जनवरी को इन प्रतिबंधों को 22 जनवरी तक बढ़ा दिया था. इसके बाद इन पाबंदियों को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया. हालांकि आगे प्रतिबंध जारी रहेगा या नहीं, अगर बढ़ेगा तो कब तक के लिए बढ़ेगा, इसको लेकर चुनाव आयोग कल फैसला लेगा. पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव के लिए 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच मतदान होगा. पांच राज्यों में चुनाव 7 चरणों में पूरे होंगे. वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी.